भूमि पूजन के साथ बिघनी घाट पुल का निर्माण शुरू
मंगलवार दोपहर विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने वैदिक मंत्रोचार के बीच राप्ती तट पर स्थित बघिनी - बिमौवा बहु प्रतीक्षित सेतु का भूमि पूजन कर आधारशिला रखी। इसी के साथ यहां के लोगों की आधी सदी पुरानी मांग भी पूरी हो गई। शिलान्यास होते ही जय श्रीराम के गगनभेदी नारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा।
सिद्धार्थनगर : मंगलवार दोपहर विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राप्ती तट पर स्थित बघिनी - बिमौवा बहु प्रतीक्षित सेतु का भूमि पूजन कर आधारशिला रखी। इसी के साथ यहां के लोगों की आधी सदी पुरानी मांग भी पूरी हो गई। शिलान्यास होते ही जय श्रीराम के गगनभेदी नारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा।
विधायक ने कहा कि जब गंगा आरती में शामिल होने मैं आया था तभी लोगों ने यह मांग रखी थी, जनभावनाओं को देखते हुए हमने इसके निर्माण का संकल्प लें लिया था। इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के सामने रखा, उन्होंने तत्काल हामी भर दी,और मुआवजे को लेकर लगभग 28 करोड़ की लागत से 22 नवंबर को त्वरित विकास योजना के तहत सेतु स्वीकृत हो गया,जो आज साकार रूप ले रहा है। विधायक ने कहा कि इस पार से उस पार वाहन से पहुंचने में 30 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करना पड़ता था, जिससे बगल के गांव के लोगों से मुलाकात ही नहीं हो पाती थी, अब दूरी कम हो जाने से दिलों की दूरियां भी घट जाएंगी।
सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर एके सिंह ने कहा कि 2022 के पहले सेतु तैयार कर लिया जायेगा। अध्यक्षता रमेश धर द्विवेदी व संचालन अजय वर्मा ने किया। कार्यक्रम में पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र मणि त्रिपाठी, लवकुश ओझा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जग प्रवेश, राजेन्द्र पांडे, नीरज मणि त्रिपाठी, दिलीप चतुर्वेदी ने भी अपने विचार रखे।
बघिनी घाट का ऐतिहासिक धार्मिक महत्व: बांसी डुमरियागंज के मध्य पवित्र अचरावती (राप्ती) के तट पर स्थित बघिनी घाट का ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व भी है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां लोग अवध धाम की भांति स्नान दान भी करते हैं, तथा इस दिन यहां विशाल मेला भी लगता है। दैनिक जागरण समय-समय पर यहां पुल निर्माण की जरूरत को प्रमुखता से प्रकाशित करता रहा है।