सड़क पर बेसहारा पशु, आवागमन में अवरोध
भाजपा सरकार के शुरुआती दौर में जब बेसहारा पशुओं को सहारा देने की कवायद शुरू हुई तो फिर प्रशासन के लोग भी सतर्क हो गए। ब्लाक से लेकर तहसील व पुलिस प्रशासन पशुओं को पकड़ने व उन्हें गोशाला तक पहुंचाने के अभियान में जुट गया
सिद्धार्थनगर : भाजपा सरकार के शुरुआती दौर में जब बेसहारा पशुओं को सहारा देने की कवायद शुरू हुई, तो फिर प्रशासन के लोग भी सतर्क हो गए। ब्लाक से लेकर तहसील व पुलिस प्रशासन पशुओं को पकड़ने व उन्हें गोशाला तक पहुंचाने के अभियान में जुट गया। मगर जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा, अभियान में सुस्ती आती गई। वर्तमान में स्थिति यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों की बात कौन कहे, इटवा तहसील मुख्यालय के सभी प्रमुख मार्गों पर बेसहारा पशु डेरा डाले रहते हैं। बीच सड़क पर बैठकर यातायात व्यवस्था को चौपट कर रहे है। ऐसे में राहगीरों के साथ स्कूली छात्र-छात्राएं, जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है। सोमवार की दोपहर बाद दो बजे इटवा-बिस्कोहर मार्ग पर तहसील कार्यालय के निकट बीच सड़क पर करीब दो दर्जन पशु इस तरह बैठे व घूम रहे थे, कि सड़क का कोई भी हिस्सा खाली नहीं था। इससे आवागमन काफी प्रभावित हुआ। लोगों को आने जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ी। इसी समय स्कूल में छुट्टी होने पर घर जा रहे छात्र-छात्राएं इस तरह पशुओं से बचकर आगे बढ़ रहे थे, कि कहीं कोई पशु उन पर ही हमला न बोल दे। इटवा-बढ़नी व डुमरियागंज मार्ग पर भी जगह-जगह पशुओं का झुंड घूमता दिखाई दिया। थोड़ी सी चूक पर पशु दुकानदारों के सामानों का भी नुकसान पहुंचा दे रहे हैं। संतराम यादव, मैनुद्दीन, रमेश वर्मा, राजाराम आदि ने कहा कि लगता ही नहीं है, कि यहां कोई गोशाला की व्यवस्था है। बीडीओ सौरभ पांडेय का कहना है कि जिला पंचायत की गोशाला में पशुओं के रखने की व्यवस्था है, कल कुछ जानवरों को पकड़कर उसमें रखा गया था, आज भी इन्हें पकड़कर वहां रखने का अभियान चलाया जाएगा।