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उप स्वास्थ्य केंद्र बना पशुओं का आशियाना

एएनएम का आवास एवं मरीजों का उपचार होना चाहिए वह पशुओं के आशियाने में तब्दील हो गया। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं की क्या स्थिति होगी? यह समझा जा सकता है। शोहरतगढ़ ब्लाक के ग्राम पंचायत बगहवा में बने उप स्वास्थ्य केंद्र में अब पशुओं को बांधने व भूसा रखने का काम किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 12:59 AM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 12:59 AM (IST)
उप स्वास्थ्य केंद्र बना पशुओं का आशियाना

सिद्धार्थनगर : ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य सेवाएं इस कदर चरमरा गई हैं कि जिस भवन में एएनएम का आवास एवं मरीजों का उपचार होना चाहिए, वह पशुओं के आशियाने में तब्दील हो गया। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं की क्या स्थिति होगी? यह समझा जा सकता है। शोहरतगढ़ ब्लाक के ग्राम पंचायत बगहवा में बने उप स्वास्थ्य केंद्र में अब पशुओं को बांधने व भूसा रखने का काम किया जा रहा है। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते यह हाल हुआ है, जिससे दर्जनों गांव की स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं।

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दो दशक पहले ढाई लाख की लागत से उपकेंद्र का निर्माण कराया गया था। इसके जिम्मा सिसई, सिहोरवां, करमा, करहिया, खुनुवा, अठकोनिया, गुजरौलिया, महली, महला, पकड़िहवा, पिपरहवा, पड़रहवा आदि दो दर्जन गांवों की स्वास्थ्य सुविधाएं थी। शुरुआती समय मे सुविधाएं मिली भी, लेकिन धीरे-धीरे मरम्मत के अभाव में भवन जर्जर होता चला गया। इस समय भवन के खिड़की दरवाजे गायब हो चुके हैं। इंडिया मार्क हैंडपंप खराब है। परिसर घास-फूस से भरा हुआ है। भवन जर्जर होने के कारण एएनएम भी नहीं रहती हैं। जिसके कारण जच्चा- बच्चा टीकाकरण भी समय से नहीं हो पाता है। आदित्य मिश्रा, निसार अहमद, गोविद चौधरी, मधुरश्याम, बहरैची बाबा, घनश्याम यादव, यार मोहम्मद, रफीक, गुड्डू, रामधनी, रामदास वर्मा, श्यामकरन यादव, विशुनदेव चौरसिया आदि ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र बनने से आशा जगी थी कि जच्चा बच्चा का टीकाकरण व स्वास्थ्य संबंधी सेवा बेहतर मिलेगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। शीध्र भवन मरम्मत कराते हुए बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है। इस संबंध सीएचसी अधीक्षक डा. पंकज वर्मा ने बताया कि भवन की मरम्मत के लिए लिखा पढ़ी की जाएगी।

दूषित जल पीने को विवश हैं तीमारदार

तहसील क्षेत्र का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेवां आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को दूषित जल पीने को विवश होना पड़ रहा है। यहां लगे तीनों इंडिया मार्क हैंडपंप काफी दिनों से गंदा पानी दे रहे हैं। गर्मी के दिनों में ठंडा पानी मुहैया कराने के लिए लगा वाटर कूलर खराब है, जिम्मेदारों ने उसे ठीक करवाने की जगह उसे ही परिसर से हटवा दिया।

सीएचसी आने वाले मरीज व तीमारदार बोतल बंद पानी खरीदने अथवा घर से पानी लाने को मजबूर हैं। तीन सौ ग्राम पंचायत के लोगों को इलाज की सुविधा मुहैया कराने वाली बेवां सीएचसी सुविधाओं की मोहताज है। जिसका खामियाजा यहां इलाज को आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ता है। तीनों हैंडपंप में से दो कई महीनों से गंदा पानी दे रहे हैं। एक हैंडपंप ऐसा है जिसे चलाकर लोगों के पसीने छूट जाते हैं, लेकिन पानी मुश्किल से निकलता है। तीमारदार रमेश कुमार, अली रजा, मो. सलमान, सरफराज आदि का कहना है कि यहां आने वाले लोगों को पानी खरीदकर पीना पड़ता है। सीएचसी अधीक्षक डा. बीएन चतुर्वेदी ने बताया कि हैंडपंप शीघ्र रिबोर कराने के साथ वाटर कूलर बनवा कर लगवाएं जाएंगे।


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