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आधार संशोधन के नाम पर धन उगाही का आरोप

थाना क्षेत्र के कोइरीडीहा निवासी जानकी देवी ने बताया कि आधार संशोधन के लिए वह कई दिनों से परेशान है। आधार संशोधन के लिए उसने शोहरतगढ़ में संचालित एक दुकान पर गई। उसे दो आधार संशोधन के लिए छह सौ रुपये लिया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 11:43 PM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 11:43 PM (IST)
आधार संशोधन के नाम पर धन उगाही का आरोप
आधार संशोधन के नाम पर धन उगाही का आरोप

सिद्धार्थनगर : बीआरसी कार्यालय के आधार संशोधन केंद्र पर एक महिला ने धन उगाही का आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि संशोधन करने के लिए आपरेटर द्वारा प्रति आधार तीन सौ रुपये वसूला जा रहा है।

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थाना क्षेत्र के कोइरीडीहा निवासी जानकी देवी ने बताया कि आधार संशोधन के लिए वह कई दिनों से परेशान है। आधार संशोधन के लिए उसने शोहरतगढ़ में संचालित एक दुकान पर गई। उसे दो आधार संशोधन के लिए छह सौ रुपये लिया गया। महिला ने यह भी बताया कि दुकानदार द्वारा बीआरसी कार्यालय में बन रहे आधार कार्ड संशोधन केंद्र पर संशोधन की बात बताई गई। सुबह से लेकर दोपहर तक महिला के दोनों बच्चों का आधार नहीं बना तो उसकी व दुकानदार के बीच कहासुनी भी हुई। इस सम्बंध में बीईओ अभिमन्यु ने बताया कि मेरी बात सुपरवाइजर व ऑपरेटर से हुई है। ऑपरेटर ने बताया कि बाहरी दुकानदार आरोही कंप्यूटर द्वारा धन लिया जा रहा है। बीआरसी परिसर में संशोधन केंद्र पर कोई धन नहीं लिया जा रहा है।अगर किसी ने कार्यालय के नाम पर ऐसा किया है तो कार्रवाई की जाएगी। फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति सभी हों जागरूक

इटवा, सिद्धार्थनगर : विकास खंड कार्यालय परिसर में बुधवार को ब्लाक स्तरीय फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता अभियान के तहत कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें किसानों को खेती-किसानी एवं फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गई।

इन सीटू फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत हुई गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिक डा. एस एन सिंह ने अवशेष जलाने से पोषक तत्वों का नुकसान व मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव, पर्यावरण सम्बन्धी दुष्परिणाम, अवशेषों को पशुचारा अथवा औद्योगिक उपयोग के लिए एकत्रित करने के बारे में बताया। किसानों से अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूक रहने हेतु आह्वान किया। सहायक विकास अधिकारी कृषि योगेन्द्र पाण्डेय ने फसल अवशेष प्रबंधन जलाने से मृदा में होने वाली हानियों पर चर्चा की। डा. एस के मिश्रा ने कहा कि फसल अवशेष कम्पोस्ट खाद बनाने में सहायक है, जो कि मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक क्रियाओं में लाभदायक है। इसका प्रयोग करने से मृदा, जल संरक्षण के साथ-साथ फसलों को खरपतवारों से बचाने में भी सहायक है। प्रगतिशील किसानों ने भविष्य में फसल अवशेष को न जलाने से संबंधित संकल्प लिया। अर्जुन यादव, सूर्य प्रकाश, राम नारायण मौर्य, राम उजागर चौधरी, विनय मिश्रा, संदीप कुमार, राम लखन यादव, कपिल वर्मा आदि मौजूद रहे।


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