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एक ही पल में सिर से उठ गया साया

धर रामहंस की मौत हुई दूसरी ओर उसकी दोनों बेटियों रेशमा (8) व रुकमणी (5) के सिर से पिता का साया उठ गया। मां ने पांच वर्ष पूर्व छोटी पुत्री के जन्म होने पर साथ छोड़ दिया था। एक विवाहिता बुआ (पिता की बहन) को छोड़ कर कोई रिश्तेदार भी नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 10:31 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 10:31 PM (IST)
एक ही पल में सिर से उठ गया साया
एक ही पल में सिर से उठ गया साया

जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर : इधर रामहंस की मौत हुई, दूसरी ओर उसकी दोनों बेटियों रेशमा (8) व रुकमणी (5) के सिर से पिता का साया उठ गया। मां ने पांच वर्ष पूर्व छोटी पुत्री के जन्म होने पर साथ छोड़ दिया था। एक विवाहिता बुआ (पिता की बहन) को छोड़ कर कोई रिश्तेदार भी नहीं है। गांव के लोगों को यह चिता खाए जा रही है कि दोनों अब कैसे आगे जीवन व्यतीत करेंगी? किसके सहारे रहेंगी? यह सोच कर सबकी आंखें नम हो गईं।

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गांव में केवल दो कमरे का छोटा सा मकान है। खेती के नाम पर एक इंच भूमि नहीं है। मजदूरी करके दोनों पुत्रियों का पालन-पोषण किया। दोनों गांव के स्कूल में भी जाने लगी थीं। जिदगी धीरे-धीरे एक बार फिर से लाइन पर आ रही थी कि दो लोगों ने मारपीट के दौरान फावड़ा व बेलचा से हमला कर दिया। पड़ोसी बताते हैं कि बड़ी पुत्री को पिता के घायल होने की सूचना मिल गई थी। पूरे दिन व रात रोती रहती थी। पोस्टमार्टम हाउस के सामने भी दोनों बहनें लोगों को देखती और सबसे एक सवाल करती बापू ठीक हो जाएंगे ना।


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