11729 मुकदमों का हुआ निस्तारण
द्वीप प्रज्जवलित कर जनपद न्यायाधीश ने किया उद्धाटन
सिद्धार्थनगर : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन करते हुए 11729 मुकदमों का निस्तारण किया गया। मोटर दुर्घटना प्रतिकर/वापसीजर के 23 वादों में पीड़ित पक्ष को 69 लाख 48 हजार 702 रुपये प्रतिकर दिलवाया गया। 54 लाख 53 हजार 767 रुपये का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया गया तथा बैंकों से लिए गये ऋणी द्वारा कुल धनराशि रुपया 70 लाख 96 हजार 535 रुपये का टोकन मनी जमा हुआ।
जनपद न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष के.के.अस्थाना ने जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू व पुलिस अधीक्षक डा.धर्मवीर ¨सह की उपस्थिति में दीप प्रज्जवलित कर व सरस्वती प्रतिमा का माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जनपद न्यायाधीश द्वारा सिविल प्रर्कीण वाद के 34, मोटर दुर्घटना प्रतिकर के 17 तथा आपराधिक प्रर्कीण के आठ सहित कुल 59 वादों को निस्तारित किया। पीड़ित पक्ष को 52 लाख 60 हजार 436 रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में दिये गए। अपर जनपद न्यायाधीश बांसी हरिकेश कुमार ने मोटर दुर्घटना प्रतिकर के दो वादों को निस्तारित करते हुए पीड़ित पक्ष को 7 लाख 15 हजार रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में दिलवाए। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय श्याम नारायण त्रिपाठी द्वारा पारिवारिक मामलों के 44 वादों का निस्तारण किया गया। प्रथम विशेष अपर जनपद न्यायाधीश राम चन्द्र यादव द्वारा फौजदारी के तीन वादों का निस्तारण किया गया। अपर जनपद न्यायाधीश एफटीसी रोहित रघुवंशी द्वारा सिविल मिसलेनियस के पांच, अपर जनपद न्यायाधीश, एफटीसी निर्भय नारायण राय द्वारा फौजदारी के पांच, पारिवारिक के तीन वाद तथा वापसीजर के चार वादों का निस्तारण किया गया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय चौधरी द्वारा फौजदारी के 886 वाद निस्तारित कर पीड़ित को 124,370 रुपये अर्थदंड के रूप में वसूले। सिविल जज सीनियर डिवीजन महेन्द्र कुमार द्वारा दो व्यवहार वाद, 11 उत्तराधिकार वाद व 327 फौजदारी वाद कुल 340 वाद, प्रथम सिविल जज जूनियर डिवीजन बाह्य न्यायालय बांसी देवेन्द्र कुमार द्वारा फौजदारी के 221 वाद, सिविल जज जूनियर नौगढ़ विवेक कुमार द्वारा छह व्यवहार वाद व 49 फौजदारी वाद कुल 55 वाद का निस्तारण किया गया। सभी तहसील द्वारा कुल 4894 वादों का निस्तारण किया गया। सभी थानों द्वारा कुल 5072 वाद, एआरटीओ द्वारा छह वाद का निस्तारण किया गया। इसके अलावा पूर्वांचल बैंक द्वारा 24, बैंक आफ इण्डिया द्वारा दो, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया द्वारा आठ, भारतीय स्टेट बैंक द्वारा 68, पंजाब नेशनल बैंक द्वारा आठ तथा भारतीय दूर संचार निगम लिमिटेड द्वारा 20, कुल 130 वादों का निस्तारण प्रीलिटिगेशन स्तर पर किया गया। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में 11 जोड़ों के मध्य समझौता कराकर उन्हें न्यायालय से ही साथ विदा किया गया। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायाधीश श्याम नारायण त्रिपाठी, विशेष अपर जनपद न्यायाधीश राम चन्द्र यादव, अपर जनपद न्यायाधीश/एफटीसी रोहित रघुवंशी, अपर जनपद न्यायाधीश/ एफटीसी निर्भय नारायण राय, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय चौधरी, सिविल जज सीनियर डिवीजन महेन्द्र कुमार, सचिव जिला विधिक प्राधिकरण ज्योति, सिविल जज जूनियर डिवीजन विवेक कुमार आदि मौजूद रहे।