हुदहुद के असर से केले की खेती तबाह
सिद्धार्थनगर : बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान हुदहुद ने मिनी भुसावल के नाम से चर्चित केले की खे
सिद्धार्थनगर : बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान हुदहुद ने मिनी भुसावल के नाम से चर्चित केले की खेती को तबाह कर दिया है। केले की खेती तहस नहस हो चुकी है। गन्ने की फसल खेत में गिर चुकी है। सूखे से किसी तरह उबरी धान की फसल को भी हुदहुद ने नहीं बख्शा। ऐसे में किसानों का दर्द कौन सुनेगा, यह विचारणीय प्रश्न है।
सोमवार रात से मंगलवार को पूरे दिन तेज हवाओं के बीच हुई भारी बारिश से बढ़या, बेलवा, टेउवा ग्रांट, मोहम्मद नगर, डोकम, भैसाही, केरवनिया समेत पूरा इलाका प्रभावित हुआ है। धान के साथ सबसे अधिक नुकसान केले व गन्ने की फसल का हुआ है। बर्बाद फसल देखकर बेबस किसान अपने भाग्य को कोसने के सिवा कुछ नहीं कर सकते। बेलवा निवासी सुधीर शर्मा का 40 बीघा केला, बुधिराम का 6 बीघा, राम विलास मौर्या का 8 बीघा, मिश्रौलिया निवासी मो. मुस्लिम का 3, असलम 4, अब्बू 7, सेमरा निवासी धनपाल का 3, शेर मोहम्मद का 6, राम सरन, राम करन, संगराम का 2-2, सिहुनियां निवासी हरीराम चौधरी का 8, देव सरन तिवारी का 3, राम किशन मौर्या का 2, डोकम निवासी नफीस का 8 बीघा तैयार केला ध्वस्त हो चुका है।
बुधिराम का कहना है कि इस बार केले की फसल पिछले साल की तुलना में बेहतर थी। धान को सूखे की स्थिति से किसी प्रकार बचाया गया। मगर तूफान ने एक ही झटके में सब कुछ छीन लिया। राम विलास मौर्या ने बताया कि केला तो बर्बाद ही हो गया, गन्ना भी बुरी तरह चौपट हो गया है। दूसरे साल खेती के लिए पूंजी कहां से आएगी। मो. मुस्लिम का कहना है कि चक्रवात ने साल भर की गाढ़ी कमाई छीन ली है। घनश्याम वर्मा का कहना है कि इतनी बड़ी फसल तबाही देखने के बाद भी प्रशासन नहीं पसीजा। यदि पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा न मिला तो उनके समक्ष गंभीर आर्थिक संकट खड़ा होना तय है।
''तहसील क्षेत्र में तूफान से हुए नुकसान का जायजा लिया जा रहा है। सभी लेखपालों से रिपोर्ट मांगी गई है। आने के बाद उचित मदद अवश्य दिलाया जाएगा।''
राम सूरत पाण्डेय
एसडीएम, इटवा