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चक्रवात की भेंट चढ़ी धान की फसल

सिद्धार्थनगर : सोमवार देर रात से हो रही बारिश का कहर धान की फसलों पर सर्वाधिक पड़ा है। दलहनी, तिलहनी

By Edited By: Published: Tue, 14 Oct 2014 10:35 PM (IST)Updated: Tue, 14 Oct 2014 10:35 PM (IST)
चक्रवात की भेंट चढ़ी धान की फसल

सिद्धार्थनगर : सोमवार देर रात से हो रही बारिश का कहर धान की फसलों पर सर्वाधिक पड़ा है। दलहनी, तिलहनी व आलू के अगैती खेती पर भी असर है। 98.8 मिलीमीटर बारिश ने किसानों को तीन तरफा नुकसान पहुंचाया है। पहले सूखा व बाढ़ अब हुदहुद से 20 फीसद फसल की क्षति हुई है।

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जिला कृषि अधिकारी एसएन चौधरी के मुताबिक धान के दूध के समय ही फसल में इस कहर से दाने पर असर पडे़गा। हवा से पके व अधपके फसल भी जमीन पर गिर गये हैं। इससे धान के सड़ने व जमाव भी होता है। चावल लाल हो जाता है। जो किसान अपने खेतों में आलू की बुवाई कर दिए थे। उनमें पानी लग गया है। पानी लगने से आलू के बीज सड़ जाते हैं। तिलहनी व दलहनी फसल भी जो किसान बुवाई कर दिए थे, उसमें अधिकांश बीज सड़ जाएंगे। इस बारिश हवा से सांभा धान के फूल झर गये हैं। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह एवं नवम्बर के दूसरे सप्ताह तक रबी की प्रमुख फसल गेहूं के बुवाई में फायदा पहुंचेगा। खेतों में नमी बरकरार रह सकती है।

डुमरियागंज संवाददाता के अनुसार धान व गन्ने की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। फसलों की भारी तबाही से किसानों की नींद उड़ गयी है। दो दिनों से हो रही तूफानी बारिश से हर कोई दहशत में नजर आ रहा है। इटवा जागरण संवाददाता के अनुसार तेज हवाओं के साथ दो दिन से हो रही बारिश से धान की खड़ी फसलें गिरने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है।

बढ़या संवाददाता के मुताबिक तेज हवाओं के बीच हुई बारिश ने केला किसानों की कमर तोड़ दी है। केले के साथ धान की फसल गिर जाने से किसानों पर दोहरी मार पड़ी है। तहसीलदार इटवा आरबी राम ने कहा कि हल्का लेखपालों से धान फसल के नुकसान की रिपोर्ट मांगी जाएगी। जिसके आधार पर किसानों को कुछ मदद दिलाने का प्रयास जरूर किया जाएगा।


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