संसाधन बगैर, कैसे बुझाएं आग
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर : तीन तहसील में आगजनी पर काबू पाने का जिम्मा अपने कंधों पर ढोने वाले फायर स्टेशन नौगढ़ पर संसाधनों का घोर अभाव है। नतीजन कर्मचारियों को अपने काम को अंजाम देने में तमाम कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
सन् 1989 में जनपद सृजन के कुछ समय बाद मुख्यालय के नौगढ़ कस्बे से बाहर फायर स्टेशन की स्थापना की गई। पूर्व में तो यहां सुविधाओं को अभाव था, फिर धीरे-धीरे सुविधाओं में वृद्धि होती गई। परन्तु अब भी इसके कार्य क्षेत्र को देखते हुए आवश्यक संसाधनों की कमी महसूस की जा रही है। नौगढ़, बांसी, शोहरतगढ़ तहसीलों में आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने का कार्य इसी फायर स्टेशन के कंधों पर टिका है।
यहां पर आगजनी से लड़ने के लिए एक फायर स्टेशन आफिसर व एक फायर स्टेशन सेकेंड आफिसर की तैनाती है। इसके अलावा लीडिंग फायरमैन के चार पद स्वीकृत हैं, जिनमें से केवल तीन पर तैनाती है। एक पद वर्षो से रिक्त पड़ा है, वहीं फायरमैन के स्वीकृत 37 पदों में से सिर्फ दस पर तैनाती है। जहां तक उपलब्ध संसाधनों की बात है तो दो मोटर फायर इंजन (दमकल), एक डीजल पम्प, दो फ्लोर पम्प, एक जीप मय ट्राली एवं एक रेसक्यू वैन (मानव सहायता गाड़ी) यहां पर उपलब्ध कराये गये हैं। नियम के अनुसार जिस तहसील में फायर स्टेशन की स्थापना नहीं हो पायी है, उस तहसील में सीजन फायर स्टेशन की स्थापना जरूरी है, जिसका संचालन प्रत्येक वर्ष (मार्च से जून) चार माह तक किया जाता है। इस प्रकार के यूनिट में एक फ्लोर पम्प, चार फायर मैन एवं एक लीडिंग फायरमैन की तैनाती भी की जाती है। बताते हैं कि बांसी तहसील मुख्यालय पर एक सीजन फायर यूनिट स्थापित कर वहां पर आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध करा दिये गये। शासन का नियम जो कुछ भी हो, मगर तहसील शोहरतगढ़ में आज तक सीजन फायर यूनिट की स्थापना न हो पाना दुखद है। सीजन फायर यूनिट पर दमकलों का न होना भी लोगों को बहुत खटक रहा है। उस तहसील क्षेत्र के अंतर्गत किसी स्थान पर आग लग जाती है तथा उस स्थान पर पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, तो दमकल की व्यवस्था के लिए वहां के कर्मचारियों को मुख्यालय पर स्थित फायर स्टेशन का ही मुंह देखना पड़ता है । वहां से दमकल पहुंचाने में कुछ समय जरूर लग जाता है। पानी वाला स्थान न होने पर फ्लोर पम्प भी बेकार हो जाता है, क्योंकि उसका उपयोग पानी में डालने के बाद ही किया जा सकता है। कुल मिलाकर आवश्यक संसाधनों के अभाव में फायर स्टेशन की दशा स्वयं बदहाल हो रही है।
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''विभाग के पास वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या फायर मैन की है। यहां नियतन के सापेक्ष तैनाती ही नहीं है। संख्या बल का अभाव है। ऐसे में संसाधन रहकर ही क्या होगा, जब व्यक्ति ही नहीं हैं।''
आर.पी.राय
अग्निशमन अधिकारी