गणित बिगाड़ने की स्थिति में रहते हैं असंतुष्ट मतदाता
चुनावी रणनीति में नोटा दबाने की मंशा रखने वाले मतदाताओं को भी होगा साधना लोकसभा चुनाव में जीत-हार के अंतर से अधिक मतदाताओं ने दबाया था नोटा
श्रावस्ती : विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बनाई जा रही रणनीति में सभी दलों अथवा प्रत्याशियों से असंतुष्ट मतदाताओं को साधना भी शामिल करना होगा। ऐसे मतदाता बुद्धिजीवी वर्ग के माने जाते हैं। लोकतंत्र की मजबूती के लिए वे मताधिकार का प्रयोग तो करते हैं, लेकिन नोटा दबाकर अपना असंतोष भी व्यक्त कर देते हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इन्ही असंतुष्टों का एकतरफा मतदान हो जाता तो चुनाव परिणाम कुछ और होता। जीत-हार के अंतर से अधिक मतदाताओं ने इस चुनाव में नोटा का बटन दबाया था।
श्रावस्ती लोक सभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इसमें तीन बलरामपुर जिले की हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में नौ लाख 96 हजार 486 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। मतगणना हुई तो पता चला कि 17 हजार 104 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया। इस चुनाव में महागठबंधन से बसपा उम्मीदवार राम शिरोमणि वर्मा की भाजपा प्रत्याशी दद्दन मिश्र से सीधी टक्कर थी। भाजपा उम्मीदवार को मात्र 5277 मतों से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में असंतुष्टों को साधने की कोशिश समय से हो जाती तो परिणाम पर भी इसका असर दिखता। समय रहते नाराज मतदाताओं को भरोसे में ले लिए जाता और नोटा दबाने वाले भाजपा के पक्ष में एकतरफा मतदान कर देते तो चुनाव का परिणाम बदला नजर आता है।
भिनगा विधानसभा में सबसे अधिक दबा नोटा
लोकसभा चुनाव मे भिनगा विधानसभा क्षेत्र नोटा दबाने के मामले में टाप पर रहा। यहां पड़े कुल मत दो लाख 14 हजार 186 में से 4,659 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया। श्रावस्ती विधानसभा क्षेत्र के असंतुष्टों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां कुल पड़े दो लाख 36 हजार 208 मतों में से 4,395 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। डाक से वोट करने वाले 521 मतदाताओं में से चार ने नोटा का विकल्प चुना था। बलरामपुर, तुलसीपुर व गैसड़ी के मतदाताओं ने लोकसभा चुनाव में नोटा का बटन जमकर दबाया था।