1.32 लाख की आबादी में खोजे जाएंगे टीबी रोगी
दस दिवसीय सघन टीबी रोगी खोज अभियान का शुभारंभ दो नवंबर से 51 टीमों और 16 सुपरवाइजर की देखरेख में चलेगा अभियान
श्रावस्ती : वर्ष 2025 तक टीबी को जड़ से खत्म करने उद्देश्य से राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत दो नवंबर से सघन टीबी रोगी खोज अभियान (एसीएफ) शुरू होगा। इसका समापन 11 नवंबर को होगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एलएल वर्मा ने बताया कि बताया कि इस अभियान में कुल 51 टीमें लगाई गईं हैं। यह टीमें जिले की 1.32 लाख की आबादी में टीबी के रोगियों को खोजेंगी। प्रत्येक टीम में तीन सदस्य है। इनमें आशा, एएनएम और स्वयं सेवकों को शामिल किया गया है। यह टीमें संभावित मरीजों के सैंपल लेकर जांच को भेजेंगी। टीबी की पुष्टि होने के बाद उनका उपचार शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में टीबी की जांच की व्यवस्था है। इन सभी टीमों की निगरानी के लिए 16 सुपरवाइजर भी तैनात किए गए हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि एसीएफ साल में दो बार चलाया जाता है जिसके तहत 10 प्रतिशत आबादी का लक्ष्य लेकर संभावित टीबी रोगियों को खोजा जाता है। पिछले साल के अभियान में जिले में 70 टीबी रोगी मिले थे।
ऐसे फैलता है टीबी ---
टीबी एक घातक संक्रामक रोग है जो कि माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से होता है। टीबी आम तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं। यह रोग हवा के माध्यम से फैलता है। जब क्षय रोग से ग्रसित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है तो उसके साथ संक्रामक ड्रॉपलेट न्यूक्लिआई उत्पन्न होता है जो कि हवा के माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। ये ड्रॉपलेट न्यूक्लिआई कई घंटों तक वातावरण में सक्रिय रहते हैं। इनके संपर्क में आने से एक स्वस्थ्य व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।
टीबी के लक्षण ---
- लगातार तीन हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना।
- खांसी के साथ खून का आना।
- सीने में दर्द और सांस का फूलना।
- वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना।
- शाम को बुखार का आना और ठण्ड लगना।
- रात में पसीना आना।