सोलर चरखे से गावों के लिए निकलेगा स्वरोजगार
श्रावस्ती : उद्योगविहीन श्रावस्ती जिले के गांवों में सोलर चरखे से स्वरोजगार को जन्म देने की तैयारी ह
श्रावस्ती : उद्योगविहीन श्रावस्ती जिले के गांवों में सोलर चरखे से स्वरोजगार को जन्म देने की तैयारी है। इसके लिए युवक-युवतियों को खादी ग्रामोद्योग विभाग की ओर से नि:शुल्क सोलर चरखा दिया जाएगा। सूत काटने के लिए पूनी (कच्चा माल) भी विभाग उपलब्ध कराएगा। उत्पादित धागे को क्रय कर कतिन (सूत काटने वाले) को श्रम का भुगतान किया जाएगा। विभाग ने इच्छुक लोगों से इसके लिए आवेदन मांगे है।
पांच ब्लॉक वाले श्रावस्ती जिले में उद्योग धंधों का अभाव होने से मजदूरी के लिए बड़ी संख्या में लोग गैरजनपदों अथवा प्रदेश के बाहर पलायन करते हैं। महिलाएं सिर्फ गृहणी की भूमिका में ही रहती हैं। घरेलू कार्य के बाद बचे समय में काम कर महिलाएं अपने आय का स्रोत बढ़ा सके, इसके लिए उन्हें सोलर चरखा दिया जाएगा।
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10 हजार रुपये तक होगी आय
-खादी ग्रामोद्योग विभाग के सहायक उत्पादन अधीक्षक अमर भान सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से पूनी उपलब्ध कराने के बाद उत्पादित धागे की मोटाई के आधार पर अलग-अलग मूल्य पर क्रय किया जाता है। न्यूनतम कीमत 108 रुपये प्रति किलो तथा अधिकतम 153 रुपये प्रति किलो तक का भुगतान किया जाता है। सोलर चरखे से काम कर महीने में आठ से दस किलो तक सूत निकाला जा सकता है। इस प्रकार सात से दस हजार रुपये तक की आमदनी आसानी से हो जाएगी।
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अभी 10 लोग कर रहे हैं काम
खादी ग्रामोद्योग विभाग की उत्पादन इकाई इकौना में स्थित है। सूत काटने के लिए विभाग के पास 35 कतिन थे। कच्चा माल उपलब्ध न होने से इनमें से 25 लोगों का काम बंद है। 10 कतिन (सूत काटने वाले) सूत उत्पादन के कार्य से लगातार जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि इकौना इकाई के कतिन से चार से पांच लाख रुपये तक का सूत प्रतिवर्ष क्रय किया जाता है।
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चयन के बाद होगा प्रशिक्षण
-सोलर चरखा बांटने के लिए एससी-एसटी व अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता दी जाएगी। सभी विकास खंडों से आवेदन आने के बाद शासन की ओर से गठित टीम लक्ष्य के अनुरूप युवक-युवतियों का चयन करेगी। चयनित लोगों को सोलर चरखा चलाने का प्रशिक्षण भी टेक्निकल टीम देगी।