रास्तों पर भरा पानी, कीचड़ बना लोगों के जी का जंजाल
समस्या की शिकायत पंचायतीराज विभाग में भी की गई है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई
संसू, श्रावस्ती : तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ए आंकडे झूठे हैं ए दावा किताबी है। मशहूर शायर अदम गोंडवी की यह पंक्तियां भले पुरानी हों, लेकिन व्यवस्था पर आज भी पूरी तरह सटीक बैठती हैं। बरसात ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के सामने समस्याओं का पहाढ़ खड़ा कर दिया है। कच्चे रास्तों पर भरा पानी व कीचड़ लोगों को घर तक पहुंचने में भी मुसीबत खड़ा कर रहा है।रूअर्बन ग्राम पंचायत चहलवा के गड़रपुरवा इसकी मजबूत बानगी है।
गांवों को शहरों की तर्ज पर विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री रूअर्बन योजना के नाम से महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। इसके तहत चयनित गांवों में आरसीसी व इंटरलॉकिग सड़कों का जाल, जल निकासी के लिए पक्की नाली, हर घर बिजली व रसोई गैस कनेक्शन, स्ट्रीट लाइट, पानी की टंकी, खेल का मैदान व पार्क आदि का कार्य होना है। योजना की शुरूआत हुए लगभग दो वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन इसका असर कहीं नजर नहीं आ रहा है। विकास क्षेत्र हरिहरपुररानी का चहलवा गांव भी इस योजना के तहत चयनित है। खबर के साथ छपी फोटो इसी ग्राम पंचायत के गड़रपुरवा का है। जल निकासी की व्यवस्था न होने से इस गांव में प्रवेश कर पाना भी मुश्किल है। गांव में प्रवेश के रास्ते पर पानी भरा है। रास्ता तालाब की शक्ल में नजर आ रहा है। जैसे- तैसे गंदे पानी से बचरकर लोग अपने घर तक पहुंच पाते हैं।
ग्रामीणों का छलका दर्द
गांव के रामजस कहते हैं कि जल निकासी की व्यवस्था न होने से लगभग पूरे साल गांव के मुख्यमार्ग पर जलभराव रहता है। बरसात में स्थिति और गंभीर हो जाती है। दिलबहार कहते हैं कि रास्ते की बदहाली के चलते पूरे साल समस्या झेलनी पड़ती है। मंगलेश्वर प्रसाद कहते हैं पंचायत चुनाव के समय रास्ते की बदहाली से निजात दिलाने का भरोसा दिलाया जाता है, इसके बाद को झांकने भी नहीं आता है।