खसरे का टीका लगवाएं, बच्चों की जान बचाएं
संवादसूत्र, श्रावस्ती: खसरा एक संक्रामक बीमारी है। यह सीधे तौर पर श्वसन तंत्र को प्रभावित
संवादसूत्र, श्रावस्ती: खसरा एक संक्रामक बीमारी है। यह सीधे तौर पर श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है। इससे बच्चों को बचाने के लिए आगे बढ़कर खसरे का टीका लगवाएं।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी अधिकारी डॉ. मुकेश मातनहेलिया ने बताया कि खसरे के लक्षण 10-12 दिनों के बाद दिखायी देते हैं। तेज बुखार, बहती नाक, गले में खराश, लाल आंखे व मुंह के अंदर सफेद चकत्ते का होना खसरे का लक्षण है। कुपोषित बच्चे विशेष कर जिनमें विटामिन ए की कमी होती है। उनमें बीमारी होने की संभावना सबसे अधिक होती है। इससे बचने का सबसे आसान तरीका टीका लगवाना है। मीजल्स व रूबेला का टीका नौ माह पर व बाद में डेढ़ साल पर बच्चों को लगता है। इसके साथ में विटामिन ए की दवा देनी भी जरूरी होती है। इसके बाद भी यदि बच्चे को खसरा हो जाता है तो संबंधित क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारी को ई सही सूचना दें। स्वास्थ्य टीम मौके पर जरूरी प्रबंध करेगी। उन्होंने बताया कि संक्रमित बच्चे को अन्य स्वस्थ लोगों से अलग रखना चाहिए तथा सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बीमार बच्चे को भोजन सामान्य देना चाहिए। शरीर में पानी की कमी न हो, इसका भी पूरा ध्यान रखे।