पतेढ़ा गांव में सेना के जांबाजों की तैयार होती फौज
श्रावस्ती : राप्ती नदी के तट पर स्थित पतेढ़ा गाव में अर्से से जांबाजों की फौज तैयार होती है, देश की
श्रावस्ती : राप्ती नदी के तट पर स्थित पतेढ़ा गाव में अर्से से जांबाजों की फौज तैयार होती है, देश की सीमा की रक्षा करने वालों का जज्बा यहां के घर-घर में बचपन से ही पनपने लगता है। जंग-ए-आजादी में श्रावस्ती के नायक रहे श्रीराम त्रिपाठी, स्वामी दयाल त्रिपाठी व बच्छराज त्रिपाठी इसी गाव की माटी में जन्मे थे। गाव के लगभग एक दर्जन युवा भारतीय सेना व उत्तर प्रदेश पुलिस का हिस्सा हैं। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय इसी ग्राम पंचायत में स्थित है। गो-पालन, दुग्ध उत्पादन व कृषि इस गांव की अर्थव्यवस्था का आधार है।
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इन पर है नाज-
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं.श्रीराम त्रिपाठी, स्वामी दयाल व बच्छराज का नाम गांव के लोग बड़े ही गर्व से लेते हैं। किसी तरह की समस्या होने पर गांव के लोग सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मी राजेंद्र तिवारी, प्रगतिशील किसान आदित्य त्रिपाठी व अधिवक्ता रामसूरत वर्मा की ओर उम्मीद के साथ देखते हैं। यह लोग नि:स्वार्थ भाव से ग्रामीणों की मदद को तत्पर रहते हैं।
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यह है खूबी -
गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर व ज्वालामुखी मंदिर सैकड़ों वर्षो से क्षेत्र के लोगों की आस्था का केंद्र है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रदेश के कई जिलों के अभ्यर्थी प्रशिक्षण लेते हैं।
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आधारभूत ढाचा -
कटान व बाढ़ प्रभावित इस गाव में दो प्राथमिक विद्यालय, मॉडल स्कूल, जूनियर हाई स्कूल स्थित है। आठ मजरों वाले इस गांव के अधिकांश मजरों का नाम जातिगत संरचना के आधार पर रखा गया है। यहां साढे़ तीन हजार मिश्रित आबादी है। इसमें 2,200 मतदाता हैं।
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यह हो तो बने बात -
-गांव में इंटरलॉकिंग सड़क की दरकार है।
-चार मजरों में विद्युतीकरण नहीं है।
-बाढ़ व कटान से निजात के लिए बाध के निर्माण की आवश्यकता है।
- शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन पेयजल योजना की लोग बाट जोह रहे है।
- स्वास्थ्य सेवाओं के लिए गांव में एएनएम सेंटर की दरकार है।
- मात्र छह सौ मीटर सड़क बनाकर गाव को हाइवे से जोड़ा जा सकता है।
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चित्र परिचय-11एसआरटी-03
क्या कहते हैं ग्राम प्रधान -
पंचायत निधि से नागरिक सुविधाए उपलब्ध करवाई जाती हैं। चार मजरों के विद्युतीकरण व इंटरलॉकिंग के लिए प्रयास जारी है। गांव में उच्च शिक्षा के लिए स्कूल खुलवाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
- उदयराज त्रिपाठी, ग्राम प्रधान, पतेढ़ा चित्र परिचय-11एसआरटी-04
अपने कार्यकाल में उपलब्ध संसाधनों से कई विकास कार्य कराए थे। तीन स्वतंत्रता सेनानी व एक दर्जन सैनिक देने वाले इस गाव में जन सुविधाओं का अभाव अखरता है।
- सावित्री देवी, पूर्व प्रधान, पतेढ़ा