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बारिश से धान उत्पादक किसानों के चेहरे खिले

जागरण संवाददता श्रावस्ती बीते पांच दिनों से हो रही बारिश से अधिकांश किसानों के चेहरे खि

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 10:53 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 06:35 AM (IST)
बारिश से धान उत्पादक किसानों के चेहरे खिले

जागरण संवाददता, श्रावस्ती: बीते पांच दिनों से हो रही बारिश से अधिकांश किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। लेकिन धान की अगैती रोपाई करने वाले और लतावर्गीय सब्जी की खेती करने वाले किसानों की मुश्किलों ने इस बरसात में बढ़ गई हैं। इस बारिश ने धान और गन्ने की फसल को नव जीवन प्रदान किया है।

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धान की अगैती फसल में बालियां आ चुकी हैं, ऐसे में इन भारी पौधों के गिरने और बालियों के खराब होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। 120 से 130 दिन वाली मध्यम एवं पिछैती फसलों के लिए यह बारिश किसी वरदान से कम नहीं है। कृषि वैज्ञानिक भी इस बारिश को किसानों के लिए लाभदायक मान रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बीते तीन सप्ताह से बारिश न होने से धान की फसल सूखने की कगार पर पहुंच गई थी। किसान किसी तरह से सिचाई कर अपनी फसल को बचा रहा था। कृषि विशेषज्ञ कहते हैं कि धान की फसल पर ऊपर से बारिश का गिरना अत्यंत आवश्यक होता है। भले ही खेत में पानी भरा रहे, इससे दाना मजबूत होता है। किसानों को दी सलाह ---

कृषि विभाग के उप निदेशक जसपाल का कहना है कि बारिश थमने के बाद सितंबर माह में अति सूक्ष्म हापर कीट का प्रकोप बढ़ जाता है। यह फसल को काफी नुकसान पहुंचाता है। यह कीट झुंड में तेजी से फसल पर हमला करते हैं। इनकी प्रजनन दर भी काफी तेजा होती है। इससे बचाव के लिए किसानों को खेतों के कोनों पर धुआं करना चाहिए, धुआं देखकर यह कीट अपना रास्ता बदल लेते हैं। तेज बारिश से निचले इलाके के खेतों में पानी भर जाने से लौकी, कद्दू, तोरई आदि लतावर्गीय सब्जी को नुकसान पहुंचने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। यह किसान अपने खेतों में जल भराव न होने दें।


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