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शिक्षिकाओं की दृढ़ इच्छाशक्ति से बदली विद्यालय की तस्वीर

दृढ़ इच्छाशक्ति से क्या-कुछ नहीं किया जा सकता इसे सच साबित कर दिखाया है भिनगा के

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 10:51 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 06:06 AM (IST)
शिक्षिकाओं की दृढ़ इच्छाशक्ति से बदली विद्यालय की तस्वीर
शिक्षिकाओं की दृढ़ इच्छाशक्ति से बदली विद्यालय की तस्वीर

श्रावस्ती : दृढ़ इच्छाशक्ति से क्या-कुछ नहीं किया जा सकता, इसे सच साबित कर दिखाया है भिनगा के रूपन नगर के उच्च प्राथमिक विद्यालय राजापुररानी की शिक्षिकाओं ने। इन शिक्षिकाओं की मेहनत और लगन से दो साल में इस विद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या 49 से बढ़कर 118 पहुंच गई है।

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बूढ़ी राप्ती नदी के तट पर स्थित इस विद्यालय की प्रधानाध्यापिका के पद पर जब अमिता टंडन की तैनाती हुई तो चारों ओर झाड़-झंखाड़ फैला था। छात्रा-छात्राओं की उपस्थिति के नाम पर 20-25 बच्चे ही विद्यालय आते थे। यह स्थिति उन्हें ठीक नहीं लगी। उन्होंने सहायक शिक्षिका प्रतिमा पाठक व अमिता वर्मा को साथ लेकर विद्यालय की तस्वीर बदलने की ठान ली। अमिता बताती हैं कि यहां छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने के लिए वह सहायक शिक्षिकाओं के साथ विद्यालय के आसपास स्थित राजापुर, तेलियनपुरवा, बागवान टोला, लबेदपुर समेत अन्य गांवों में डोर-टू-डोर अभिभावकों से संपर्क करना शुरू किया। शिक्षिकाओं का प्रयास रंग भी लाया।

वह बताती हैं कि 49 छात्र संख्या से अब छात्र संख्या बढ़कर 118 हो चुकी है। शिक्षिकाएं अपने निजी प्रयासों से विद्यालय की साफ-सफाई के अलावा अन्य व्यवस्थाओं को सुधारने में लगी हुई हैं। प्रतिदिन प्रार्थना के बाद एक घंटे सामान्य ज्ञान की कक्षा चलती है। विद्यालय के बच्चों ने जिले स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में पुरस्कार जीत कर विद्यालय का नाम रोशन किया है। बनी है संपर्क पंजिका

इस विद्यालय में उपस्थिति रजिस्टर के अलावा अभिभावकों के मोबाइल फोन नंबर के लिए अलग रजिस्टर बनाया गया है। प्रधान शिक्षिका अमिता टंडन बताती हैं कि इस रजिस्टर में यहां अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं के अभिभावकों का मोबाइल नंबर दर्ज है। छात्र-छात्राओं के विद्यालय न पहुंचने पर अभिभावकों से फोन पर संपर्क कर उनके विद्यालय न आने का कारण पूछा जाता है। लगातार तीन दिनों तक यदि बच्चे नहीं आते हैं तो उनके घर जाकर सही स्थिति जानी जाती है।


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