नहरों में पानी नहीं, पंपिंग सेट से हो रहा पलेवा
श्रावस्ती : रबी फसल की बुआई के पहले खेतों को तैयार करने के लिए किसान खेत को पलेवा करने के उपाय में ज
श्रावस्ती : रबी फसल की बुआई के पहले खेतों को तैयार करने के लिए किसान खेत को पलेवा करने के उपाय में जुटा है। नहरों में पानी न होने से खेत पलेवा करने के लिए पंपिंग सेट का सहारा लेना पड़ रहा है। फिलहाल रबी की फसल की बोआई प्रभावित हो रही है। कृषि विशेषज्ञों और किसानों का कहना है कि यदि समय पर नहरों में पानी नहीं दिया गया तो किसानों की बोआई में विलंब होगा। जिसका प्रभाव फसलों के उत्पादन पर पड़ेगा। कृषि वैज्ञानिक प्रताप नरायण का कहना है 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक गेहूं बोने का सही समय होता है।
जमुनहा : क्षेत्र में खेतों की सिंचाई के लिए सरयू नहर का तुलसीपुर रजवाहा, मनिहार तारा माइनर, माल भौखरा माइनर है। तुलसीपुर, मनिहारतारा, महतव पूरवा, चंद्रखा बुजुर्ग, पिपरी, माल भौखारा, इटरौली व भिठिया चिचड़ी गाव के किसान इन नहरों से खेतों की सिंचाई करते हैं। इन नहरों की बीते पांच सालों से सफाई नहीं हुई है। जिससे नहरों में पानी ठीक से नहीं आता है। इससे किसानों को खेतों की सिंचाई करने में तमाम मुश्किलें पेश आती हैं। किसान प्रकाश यादव, मोती लाल, दुखीराम व अमजद अली ने बताया कि गेहूं की फसल के लिए खेत तैयार किया जा रहा है। जिसके लिए पानी की आवश्यकता है, लेकिन नहर में पानी नहीं है।
सोनवा : क्षेत्र के तुलसीपुर, उत्मापुर, पुरखियापुर, गुजरवरा, ककंधू, सोनवा, खुरुहरी, बरदेहरा, भारीगाव, अकारा, बैभी, गिलौली, मोहरनिया, नेवरिया व शाहपुर कठौतिया आदि गांवों के खेतों की सिंचाई का मुख्य साधन नहरें ही हैं। इन गांवों में ददौरा रजवाहा व शाहपुर कठौतिया रजवाहा से सिंचाई की जाती है। किसान चंद्रसेन वर्मा का कहना है नहरों की सफाई दो वर्ष पूर्व हुई थी। मौजूदा समय में माइनर जगह-जगह कट गई है। इसकी मरम्मत करवाने की जरूरत है। किसान सधई राम का कहना है उसने बटाई पर खेत लिया है कम से कम तीन बार सिंचाई करने की जरूरत होती है। यदि नहर में समय पर पानी नहीं आया तो किराये पर सिंचाई करनी पड़ेगी।