सीमावर्ती जिले में फलफूल रहे हैं अवैध नर्सिग होम
श्रावस्ती : स्वास्थ्य मानकों के मामले में अंतिम पायदान पर स्थित भारत-नेपाल सीमा से सटे श्रावस्ती जिल
श्रावस्ती : स्वास्थ्य मानकों के मामले में अंतिम पायदान पर स्थित भारत-नेपाल सीमा से सटे श्रावस्ती जिले में कुकुरमुत्ते की तरह अवैध नर्सिग होम फलफूल रहे हैं। झोला छाप डॉक्टर अपनी क्लीनिक चला रहे हैं। यहां भरोसे से पहुंचने वाले लोगों की जान जोखिम में डाल कर इलाज किया जाता है। जिम्मेदार महकमा सबकुछ जानते हुए भी हाथ पर हाथ रखे बैठा है।
जमुनहा तहसील क्षेत्र के जमुनहा बाजार, मिर्जापुर चैराहा, बदला चौराहा, नासिरगंज बाजार, मल्हीपुर, तुलसीपुर, चिचड़ी चैराहा, नेवरिया मोड़ व लक्ष्ममनगर सहित कई स्थानों पर मेडिकल स्टोर संचालक, बंगाली व झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम लोगों का इलाज करते हैं। मल्हीपुर, मिर्जापुर, नासिरगंज व नेवरिया मोड़ पर तो अवैध रूप से नर्सिग होम संचालित किया जा रहा है। यहां पर प्राथमिक इलाज के नाम पर मरीजों को भर्ती कर लिया जाता है। हालत नाजुक होने के बाद अपना पीछा छुड़ाने के लिए उन्हें रेफर कर दिया जाता है। गंभीर स्थिति में मरीजों की रास्ते में ही मौत हो जाती है। छह माह पूर्व गौसपुर में स्थित मेडिकल स्टोर संचालक की इलाज के दौरान शहादत नगर गांव निवासी बच्चों की मौत हो गयी थी। इसी तरह गोपालासराय मोड़ के पास मेडिकल स्टोर संचालक के इलाज से गोपालसराय गांव के बच्चे की मौत हो गयी थी। श्रीनगर गाव में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से 12 वर्षीय किशोरी का पैर खराब होने की शिकायत की गई थी। चार माह पूर्व मिर्जापुर चौराहा पर अवैध रूप से संचालित अस्पताल में बुखार का इलाज के दौरान सेहरिया गांव के बच्चे का पैर खराब हो गया। इन घटनाओं की शिकायत परिवार के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से की, लेकिन जिम्मेदारों के कान पर जूं नहीं रेंगा। लगातार हो रही घटनाओं से भी जिम्मेदार सबक लेने को तैयार नहीं हैं। क्या कहते हैं सीएमओ-
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वीके ¨सह ने बताया कि समय-समय पर अभियान चलाकर जांच कराई जाती है। अवैध नर्सिग होम फल-फूल रहे हैं तो संबंधित क्षेत्र की टीम से छापामारी कराई जाएगी। नियमानुसार कार्रवाई भी होगी।