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कछार में धधकती हैं कच्ची शराब की भट्ठियां

संवादसूत्र, श्रावस्ती : जिले में कच्ची शराब के निर्माण व बिक्री का धंधा जोर-शोर से चल रहा है। राप्ती

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 11:12 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 11:12 PM (IST)
कछार में धधकती हैं कच्ची शराब की भट्ठियां
कछार में धधकती हैं कच्ची शराब की भट्ठियां

संवादसूत्र, श्रावस्ती : जिले में कच्ची शराब के निर्माण व बिक्री का धंधा जोर-शोर से चल रहा है। राप्ती के कछार में स्थित गांव व ईंट-भट्ठों पर यह अवैध कारोबार फलफूल रहा है। आबकारी टीम की छापामारी के बाद भी स्थिति नियंत्रण में नहीं है।

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गिलौला ब्लॉक के बरदेहरा गांव में लगभग सात वर्ष पूर्व बड़े स्तर पर कच्ची शराब बनाई जाती थी। यहां पुलिस व आबकारी टीम ने छापामारी की तो इस धंधे में लिप्त लोग सीना तान कर सामने खड़े हो गए थे। पुलिस व ग्रामीणों के बीच हुए मारपीट में उपनिरीक्षक चोटिल हो गए थे। इसके बाद सख्ती के चलते कुछ दिन स्थिति ठीक रही, लेकिन नए सिरे से बरदेहरा, ककंधू, खुरुहुरी, गिलौली आदि गांवों में कच्ची शराब का धंधा चल पड़ा है। इकौना ब्लॉक में राप्ती के किनारे स्थित सेमगढ़ा गांव कच्ची शराब बनाने के मामले में सबसे अव्वल माना जाता है। आबकारी टीम भी लगभग हर माह यहां छापामारी करती है। इसके अलावा सिरसिया ब्लॉक के आदिवासी बाहुल्य गांव व ईंट भट्ठों पर कच्ची शराब बनाई जाती है। भट्ठों पर रहने वाले बाहरी श्रमिक इसे बनाते हैं। यहां शाम को शराब पीने वालों की कतार भी लगती है।

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इनसेट

1289 लीटर बरामद हुआ शराब-

जिला आबकारी अधिकारी प्रेम सागर ने बताया कि कच्ची शराब निर्माण पर रोक लगाने के लिए अभियान चलाकर लगातार छापामारी की जाती है। इस वर्ष अब तक 110 छापे मारे गए हैं। इसमें 1289.40 लीटर कच्ची शराब बरामद कर 110 लोगों पर आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। आबकारी निरीक्षक अब्दुल कैश ने बताया कि लगभग 3500 किलोग्राम लहन नष्ट कराया जा चुका है।


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