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    यूपी की इस लोकसभा सीट का बेहद दिलचस्प है इतिहास, यहां हर चुनाव के बाद बदल जाता है सांसद का चेहरा

    Updated: Tue, 19 Mar 2024 08:25 AM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं का अंदाज भी निराला है। अब तक के इतिहास पर नजर डालें तो यहां हर चुनाव के बाद सांसद के चेहरे बदलते रहे हैं। नए परिसीमन के बाद अब तक हुए कुल तीन चुनाव में कांग्रेस भाजपा व बसपा के खेमे के सांसद चुने जा चुके हैं। चौथी बार बिछ रही चुनाव की बिसात के साथ ही कौन होगा अगला सांसद।

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    यहां हर चुनाव के बाद बदल जाता है सांसद का चेहरा

    भूपेंद्र पांडेय, श्रावस्ती। श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं का अंदाज भी निराला है। अब तक के इतिहास पर नजर डालें तो यहां हर चुनाव के बाद सांसद के चेहरे बदलते रहे हैं। नए परिसीमन के बाद अब तक हुए कुल तीन चुनाव में कांग्रेस, भाजपा व बसपा के खेमे के सांसद चुने जा चुके हैं। चौथी बार बिछ रही चुनाव की बिसात के साथ ही कौन होगा अगला सांसद, इसको लेकर चर्चा का बाजार गरम हो रहा है।

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    वर्ष 2009 में श्रावस्ती जिले की दो विधानसभा भिनगा व श्रावस्ती तथा बलरामपुर जिले की तीन विधानसभा तुलसीपुर, बलरामपुर सदर व गैसड़ी क्षेत्र को जोड़कर श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र का गठन हुआ। परिसीमन के बाद हुए पहले चुनाव में 11 उम्मीदवार आमने-सामने थे।

    कांग्रेस उम्मीदवार ने दर्ज की थी जीत

    कांग्रेस ने विनय कुमार पांडेय उर्फ बिन्नू, बसपा ने रिजवान जहीर, सपा ने रुबाब सईदा व भाजपा ने सत्यदेव सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था। इसमें कांग्रेस उम्मीदवार ने दो लाख एक हजार 556 मत प्राप्त कर बसपा उम्मीदवार को 42 हजार 29 मतों से हराया था। सपा को तीसरा और भाजपा को चौथा स्थान मिला था।

    वर्ष 2014 के चुनाव में 15 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे। भाजपा ने दद्दन मिश्र, सपा ने अतीक अहमद, बसपा ने लालजी वर्मा व कांग्रेस ने विनय कुमार पांडेय उर्फ बिन्नू को दूसरी बार मैदान में उतारा। इस चुनाव में रिजवान जहीर पीस पार्टी से चुनाव लड़े थे। परिणाम आया तो सांसद का चेहरा बदला।

    अतीक अहमद को मिली थी 85 हजार वोटों से हार

    भाजपा के दद्दन मिश्र ने बाहुबली अतीक अहमद को 85 हजार 913 मत से हराया। तीन लाख 45 हजार 964 मत प्राप्त कर भाजपा उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। दूसरे स्थान पर सपा, बसपा को तीसरा स्थान व पीस पार्टी इस चुनाव में चौथे स्थान पर रही। कांग्रेस को पांचवें स्थान से संतोष करना पड़ा था। तीसरा चुनाव वर्ष 2019 में हुआ।

    इस बार सपा-बसपा में गठबंधन के बाद यह सीट बसपा के खेमे में गई। कुल 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे। गठबंधन से बसपा ने राम शिरोमणि वर्मा को उम्मीदवार बनाया। भाजपा से दद्दन मिश्र दूसरी बार मैदान में थे। कांग्रेस ने चेहरा बदलकर धीरेंद्र प्रताप सिंह को मैदान में उतारा। इसका परिणाम आया तो बसपा उम्मीदवार ने पांच हजार 320 मतों से भाजपा को शिकस्त दी।

    इस प्रकार परिणाम ने सांसद का चेहरा बदल दिया। चौथे चुनाव की घोषणा हो चुकी है। भाजपा ने एमएलसी साकेत मिश्र को उम्मीदवार घोषित किया है। सपा-कांग्रेस में गठबंधन के बाद सीट सपा के हिस्से में आई है। ऐसे में सपा-बसपा का उम्मीदवार कौन होगा, निर्दल दावेदार कौन-कौन हो सकते हैं, इस पर चर्चा करते हुए मतदाता चुनाव के समीकरण बना रहे हैं।

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