मानसिक अवसाद में है छेड़छाड़ का पीड़ित परिवार
गिलौला के दर्जीपुरवा गांव पहुंचा भाजपा का प्रतिनिधि मंडल लिया हालचाल
संसू, श्रावस्ती : गिलौला थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत मोहम्दापुर के दर्जीपुरवा गांव में किशोरी के साथ हुए छेड़छाड़ के मामले में पीड़ित परिवार मानसिक रूप से अवसाद में है। पुलिस हिरासत में आरोपित की मौत के बाद हर कोई इसके लिए छेड़छाड़ के पीड़ित परिवार को जिम्मेदार ठहरा रहा है। आरोप है कि विपक्षी दो बार उसके घर पर चढ़ाई भी कर चुके हैं। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधि मंडल उनका हालचाल लेने पहुंचा। इस दौरान न्याय का आश्वासन दिया गया।
भाजपा जिलाध्यक्ष संजय कैराती ने गिलौला में एससी परिवार के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना की निदा करते हुए पीड़ित परिवार का हालचाल लेने के लिए प्रतिनिधि मंडल भेजा। भाजपा महामंत्री दिवाकर शुक्ल के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल दर्जीपुरवा गांव पहुंचा। छेड़छाड़ की घटना से पीड़ित परिवार अपने दरवाजे पर संभ्रांतजनों को देखकर फफक उठा। रोते हुए गृहस्वामी ने पूरे घटनाक्रम से प्रतिनिधि मंडल को अवगत कराया। गृहस्वामी ने बताया कि घर की बेटी के साथ छेड़छाड़ के घटना की शिकायत थाने में की थी। मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया था। पुलिस हिरासत में हुई उसकी मौत के बाद गांव के हर व्यक्ति की नजर हमसे सवाल करती है। विपक्षी संख्या बल में अधिक हैं। इस घटना के बाद से दो बार वे लोग परिवार पर जानलेवा हमले की कोशिश कर चुके हैं। इससे पूरा परिवार दहशत में है। महामंत्री दिवाकर शुक्ल ने उन्हें ढांढस बंधाते हुए मामले को संगठन के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल में जिला महामंत्री पुरुषोत्तम कौशल, जिला उपाध्यक्ष गिरीश तिवारी, जिला मंत्री अरुण पांडेय, जिला मंत्री प्रहलाद शुक्ला, जिला मीडिया प्रभारी संजू तिवारी, जिला मंत्री राजू तिवारी, जिला उपाध्यक्ष युवा मोर्चा हरिओम तिवारी, मंडल अध्यक्ष दूधनाथ शुक्ला, गिलौला के व्यापारी कमलेश गुप्ता, पुत्तू जायसवाल, विष्णु जायसवाल आदि मौजूद रहे। इनसेट-
पूर्व सांसद ने भी लिया हालचाल
श्रावस्ती: दर्जीपुरवा गांव में छेड़छाड़ के मामले में पीड़ित परिवार का हालचाल लेने पूर्व सांसद दद्दन मिश्र भी सोमवार को समर्थकों के साथ पहुंचे। गिलौला डाक बंगले में सीओ व एसडीएम ने शांति व्यवस्था के मद्देनजर उनसे गांव में न जाने की अपील की, लेकिन उनकी ओर से शांतिपूर्ण भ्रमण का आश्वासन मिलने के बाद पुलिस व प्रशासनिक टीम के साथ वे गांव पहुंचे। पीड़ित किशोरी, उसकी व पिता से मिलकर हर संभव मदद का आश्वासन दिया।