विभाग में गहरी हैं जालसाज शिक्षकों की जड़ें
संसू,श्रावस्ती: बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में जालसाज शिक्षक जड़े जमाए बैठे हैं। एक साल में 12
संसू,श्रावस्ती: बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में जालसाज शिक्षक जड़े जमाए बैठे हैं। एक साल में 12 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त हो चुकी हैं। इसमें से अधिकांश पर फर्जी अथवा दूसरे के अंक पत्र पर नौकरी हथियाने का आरोप था। निष्पक्ष जांच हो तो इस मामले में विभाग के कई और चेहरे भी बेनकाब हो सकते हैं।
शिक्षा विभाग में वर्ष 2008-09 व 2015-16 में हुई विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की भर्ती सबसे विवादित मानी जा रही है। अब तक हुई कार्रवाई में अधिकांश शिक्षक इसी भर्ती से संबंधित हैं। सरकारी सेवा में आने के बाद वेतन व एरियर का भुगतान होने से पहले अभिलेखों का सत्यापन संबंधित बोर्ड से कराया जाता है। पकड़े गए जालसाज शिक्षकों को वेतन भुगतान हो रहा था। एरियर भी काफी पहले निकल चुका था। ऐसे में अभिलेखों के सत्यापन की गोपनीयता व औपचारिकता भी संदेह के दायरे में है। शिक्षकों का बड़ा वर्ग यह स्वीकार कर रहा कि वर्ष 2011 की टीईटी परीक्षा परिणाम से नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों में जालसाजों की संख्या सबसे अधिक है।
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अब तक हुई कार्रवाई -
गिलौला ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय मसड़ी के प्रधान शिक्षक अजीत कुमार शुक्ल, सुबिखा के अजय प्रताप पांडेय, भदई गांव के शोभनाथ, हरिहरपुररानी के दत्तनगर में तैनात गरिमा त्रिपाठी, खजुहाझुनझुनिया के अखिलेश कुमार, बड़ा महरौली के संदीप श्रीवास्तव, उदईपुर के जीतेंद्र पांडेय, सिरसिया के पकड़यिा में तैनात कन्हैया सिंह, जमुनहा के अचरौरा शाहपुर के मनोज कुमार, हसनपुर के लल्लन प्रसाद, मुरावनपुरवा के राजकुमार, सिरसिया के अहलादनगर टिटिहिरिया के राजीव उपाध्याय व इकौना के लालपुर खदरा में तैनात शिक्षिका प्रीती शर्मा की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं।
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वर्ष 2010 के बाद हुई भर्ती का करा रहे सत्यापन-
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओमकार राणा ने बताया कि प्राप्त शिकायतों की गहनता से जांच करवाकर कार्रवाई की गई है। वर्ष 2010 के बाद भर्ती हुए शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन कराया जा रहा है। पूरी पारर्दिशता से जांच होगी।