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हर गांव में बनेगी पानी टंकी, बिछेगी पाइप लाइन

भूपेंद्र पांडेय, श्रावस्ती: ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए हर गांव में पानी की टंकी ब

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 12:34 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 12:34 AM (IST)
हर गांव में बनेगी पानी टंकी, बिछेगी पाइप लाइन
हर गांव में बनेगी पानी टंकी, बिछेगी पाइप लाइन

भूपेंद्र पांडेय, श्रावस्ती: ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए हर गांव में पानी की टंकी बनेगी। घर-घर पाइप लाइन पहुंचाई जाएगी। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से काम शुरू किया गया है। पहले चरण में जिले के 10 गांवों को चयनित किया गया है। यह योजना उन गांवों पर लागू होगी जहां पहले से किसी योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण प्रस्तावित अथवा निíमत न हो।

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20 से 50 लाख तक आएगी लागत -

ग्राम पंचायत के सभी मजरों में आबादी के आधार पर टंकी निर्माण व पाइप लाइन बिछाने का खर्च तय किया जाएगा। 20 से 50 लाख के बीच एक टंकी पर खर्च आएगा। बो¨रग 700 से 800 फीट गहरी होगी।

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10 प्रतिशत पैसा देगी ग्राम पंचायत -

परियोजना लागत का 10 प्रतिशत ग्राम पंचायत को देना होगा। इसके लिए स्वजल धारा योजना के नाम से अलग बैंक खाता खुलेगा। 10 प्रतिशत धनराशि जमा होने के बाद शेष पैसा केंद्र सरकार की ओर से इसी खाते में भेजा जाएगा।

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हर घर में मिलेगा तीन कनेक्शन -

शुद्ध जलापूíत के लिए घर में पानी के तीन प्वाइंट दिए जाएंगे। एक प्वाइंट भोजनालय में, दूसरा शौचालय में तथा तीसरा प्वाइंट आंगन अथवा स्नान घर में दिया जाएगा।

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हर तीन माह पर चयनित होंगे गांव-

स्वजल धारा योजना के तहत जिले के सभी ग्राम पंचायतों व मजरों को चरणवार आच्छादित किया जाएगा। एक बार में 10 गांवों का चयन होगा। यहां तीन माह में काम पूरा कर पानी कनेक्शन दे दिया जाएगा। इसके बाद अगले चरण में फिर 10 गांवों का चयन होगा।

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पंप ऑपरेटर व प्लंबर की होगी तैनाती -

योजना से आच्छादित परिवारों से जल शुल्क के तौर पर 50 रुपये प्रतिमाह लिया जाएगा। इस पैसे से पंप ऑपरेटर व प्लंबर की नियुक्ति कर ग्राम पंचायत मानदेय देगी। टंकी की सफाई व पानी का क्लोरिनेशन भी होगा। पंप चलाने के लिए बिजली बिल का भुगतान 14वें वित्त आयोग से होगा।

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क्या कहते हैं डीडीओ -

जिला विकास अधिकारी विनय कुमार तिवारी ने बताया कि ग्राम पंचायत अपने किसी भी मजरे के लिए इस योजना का लाभ ले सकती है। न्यूनतम आबादी 10 परिवार होना चाहिए। यह योजना ग्राम पंचायत पर आधारित है। इसका संचालन पूरी तरह ग्राम पंचायत ही करेगी। अधिक से अधिक गांव इससे लाभावंवित हों, इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।


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