हेलमेट खरीदें, वरना नहीं बनेंगे वाहन के कागज
श्रावस्ती यातायात नियमों का कड़ाई से अनुपालन कराने के नाम पर जिले में अलग प्रकार का व्यापार
श्रावस्ती : यातायात नियमों का कड़ाई से अनुपालन कराने के नाम पर जिले में अलग प्रकार का व्यापार शुरू हो गया है। बाइक एजेंसी पर ग्राहकों को जबरन हेलमेट बेचा जाता है और इसकी मुंह मांगी कीमत भी वसूली जाती है। हेलमेट खरीदने से मना करने पर रसीद के बिना वाहन का कागज न बनने का भय दिखाया जाता है। इस प्रकार पहले से हेलमेट होने के बाद भी लोगों को दोबारा खरीदने के लिए विवश होना पड़ता है। ग्राहकों को यह अतिरिक्त खर्च बोझ की तरह लगता है, जबकि बाइक विक्रेता चांदी काट रहे हैं।
बाइक खरीदने आने वाले लोगों को वाहन की कीमत में हेलमेट की कीमत जोड़ कर बताई जाती है। ग्राहक की ओर से पैसे कम करने को कहा जाए तो हेलमेट का मूल्य अलग कर इसके खरीदने की अनिवार्यता बताई जाती है। ग्राहक पहले से घर में हेलमेट होने की बात कहते हैं तो उनसे रसीद मांगी जाती है। बहाना यह बताया जाता है कि वाहन की आरसी (पंजीकरण प्रमाण पत्र) बनवाने के लिए हेलमेट की पर्ची अभिलेखों के साथ संलग्न करना अनिवार्य है। क्या कहते हैं ग्राहक
हरिहरपुररानी ब्लॉक के पटना खरगौरा गांव निवासी जोखन बताते हैं कि बाइक एजेंसी पर हेलमेट के बदले आठ सौ से 1500 रुपये तक लिए जाते हैं। बाजार में कम कीमत पर हेलमेट मिल जाता है, लेकिन एजेंसी पर खरीदने के लिए विवश किया जाता है। पांडेयपुरवा निवासी गांव के अनूप मिश्र ने बताया कि छह माह पूर्व बाइक खरीदी थी। उस समय हेलमेट भी लिया था। पुरानी बाइक बेच कर नई खरीदने गए तो हेलमेट फिर क्रय करना पड़ा। मना करने पर पुराने हेलमेट की रसीद मांगी गई। सिहनिया गांव के लल्लूराम ने बताया कि बाहर दुकानों पर अथवा जगह-जगह स्टॉल पर सस्ता हेलमेट मिल जाता है, लेकिन रसीद नहीं मिलती है। राम सूरत यादव ने बताया कि जबरन हेलमेट खरीदना अखरता है। क्या कहते हैं एआरटीओ सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी रामनरेश वर्मा ने बताया कि बाइक सवार हेलमेट पहनकर वाहन चलाएं इसके लिए बाइक के साथ हेलमेट खरीदना जरूरी है। यदि किसी के पास पहले से हेलमेट है तो उसे दोबारा खरीदने के लिए विवश करना गलत है।