पूजा की अनुमति के लिए देर शाम तक भटकते रहे श्रद्धालु
प्रार्थनापत्र व शपथ पत्र लेकर रिपोर्ट लगवाने के लिए थाना तहसील व सीओ कार्यालय का काटते रहे चक्कर
श्रावस्ती : शक्ति की उपासना के पर्व पर छाए असमंजस के बादल छंटने के बाद शुक्रवार की शाम से ही आयोजन की अनुमति के लिए थाना, तहसील व सीओ कार्यालय में भीड़ उमड़ने लगी। प्रार्थनापत्र व शपथ पत्र लेकर रिपोर्ट लगवाने के लिए आयोजन समिति के पदाधिकारी चक्कर काटते देखे गए। देर शाम तक परिसर में भीड़ बनी रही।
वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण के चलते भीड़भाड़ से संबंधित आयोजनों पर रोक लगी थी। नवरात्र पर्व में देवी की उपासना व श्रीराम लीला मंचन के लिए छूट मिलने की संभावना थी, लेकिन आयोजन समिति के पदाधिकारी इस संबंध में जिला प्रशासन के आदेश की प्रतीक्षा कर रहे थे। शुक्रवार को सभी थानों में शांति समिति की बैठक के दौरान आयोजन की सशर्त छूट के बारे में बताया गया। पूजा-अर्चना में छूट मिली तो श्रद्धालुओं के चेहरे खिल उठे। शनिवार से शुरू हुए आयोजन को लेकर तत्काल अनुमति की आवश्यकता थी। इसमें किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए इसके लिए पुलिस विभाग की ओर निर्धारित प्रारूप में अनुमति के लिए आवेदन पत्र पहले से छपवा कर रखे गए थे। इसे भरने के बाद शपथ पत्र समेत अन्य औपचारिकताओं को पूरा करवाने के लिए समिति के पदाधिकारी चक्कर काटने लगे।
पुलिस ने भी तैयार की सूची
आयोजन स्थल पर कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कराने के लिए पुलिस अपनी तैयारियां पूरी करती दिखी। सभी थानों में श्रीराम लीला व दुर्गापूजा समिति के पदाधिकारियों का विवरण तैयार किया गया है। नाम, मोबाइल नंबर, आयोजन स्थल, आबादी से आयोजन स्थल की दूरी, आयोजन में जुटने वाली भीड़, मुख्य आकर्षण की तिथि और इसमें शामिल होने वाले लोगों की संभावित संख्या आदि विवरण दर्ज किए गए।
आयोजकों को अखरा भटकना
पूजा समिति के पदाधिकारी अंजनी यादव, अरविद पांडेय, शिवकुमार सिंह ने बताया कि तहसील में नोटरी शपथ पत्र बनवाने के बाद कोतवाली व सीओ कार्यालय से रिपोर्ट लगवाने को कहा गया। पूरे दिन दौड़ने के बाद भी सभी रिपोर्ट नहीं लग पाई। रविवार को फिर भटकना पड़ेगा। एक ओर कम समय में पूजन की तैयारी पूरी करने का सामाजिक दबाव है तो दूसरी ओर अनुमति के लिए चक्कर लगाना अखर रहा है।