छावनी में तब्दील रहा आवास व पुलिस चौकी कार्यालय
मल्हीपुर/जमुनहा(श्रावस्ती): संदिग्ध परिस्थितियों में गोली चलने से जमुनहा पुलिस चौकी प्रभारी दार
मल्हीपुर/जमुनहा(श्रावस्ती): संदिग्ध परिस्थितियों में गोली चलने से जमुनहा पुलिस चौकी प्रभारी दारोगा की मौत के बाद आवास व पुलिस चौकी परिसर छावनी में तब्दील हो गया। पुलिस महकमे के अधिकारियों के साथ जिले के सभी कोतवाली व थाना प्रभारी बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। ग्राम पंचायत भवन में स्थित मृतक दारोगा के आवास को पुलिस ने पूरी तरह अपने कब्जे में ले रखा था। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा भीतर किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा था।
पुलिस चौकी प्रभारी के मौत की सूचना फैलते ही बड़ी संख्या में आसपास के लोग मौके पर एकत्र हो गए। हर कोई मौत के कारणों को जानना चहता था। शव किस दशा में है, यह सवाल भी लोगों को परेशान कर रहा था। पुलिस ने मृतक दारोगा के कमरे को पूरी तरह कवर कर रखा था। यहां प्रवेश वर्जित होने से शव की स्थिति के बारे में जानकारी स्पष्ट रूप से नहीं हो पाई। भीतर गए कुछ प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत में पता लगा कि दारोगा के माथे में गोली लगी है। सर्विस रिवाल्वर की डोरी उसकी अंगुलियों में फंसी हैं और रिवाल्वर शव के पास ही पड़ी है। मृतक ने शरीर पर सिर्फ कच्छा व बनियन पहन रखा था। डीआइजी अनिल कुमार राय की पूछताछ में सिपाही अर्जुन पासवान, प्रदीप मौर्य व शमीम अंसारी ने बताया कि सुबह उन्हें परिसर में घूमते देखा था। काफी देर होने के बाद भी जब पुलिस चौकी नहीं आए तो फोन किया। फोन न उठने पर अनहोनी की आशंका में आवास पर पहुंचे तो देखा दरवाजा खुला है और उनका शव खून से लथपथ बेड के बगल में फर्श पर पड़ा है।
छुट्टी के लिए थे परेशान
-घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मी दबी जुबान आपस में मौत के कारणों पर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान जानकारी मिली कि मनोज का स्वास्थ्य कुछ दिनों से खराब चल रहा था। उसने घर जाने के लिए छुट्टी की अर्जी लगाई थी। अवकाश न मिलने से वह मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। इसी कारण से उसने आत्महत्या कर ली। हालाकि पुलिस विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।
मीडिया का प्रवेश रहा वर्जित
-पुलिस चौकी प्रभारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में मीडिया को आवास में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। शव कमरे में किस हाल में है, इसकी जानकारी देना भी कोई नहीं था। पूछने पर पुलिस विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मृतक दारोगा के परिवार के लोग कमरे को यथास्थिति देखना चाहते हैं। उनके पहुंचने से पहले भीतर किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी पूरे दिन आवास के बाहर डेरा डाले रहे।