किसानों पर कहर बनकर टूट रही बारिश
बाढ़ तो कहीं बारिश का पानी भरने से खेतों में बर्बाद हो रही पकी धान की फसल बेबस निगाहों से गाढ़ी कमाई नष्ट होता देख परेशान हैं अन्नदाता
श्रावस्ती : तराई में मौसम ने किसानों की कमर तोड़ दी है। बाढ़ तो कहीं बरसात का पानी भर जाने से खेतों में पकी व कटी पड़ी धान की फसल बर्बाद हो रही है। अच्छे उत्पादन की उम्मीद में सपने संजोए किसानों को प्रकृति के कोप ने जोर का झटका दिया है। पानी में उतरा रही धान की फसल को देख किसान बेबस नजर आ रहे हैं।
सोमवार की रात में भी झमाझम बारिश हुई। मंगलवार को सुबह आसमान साफ नजर आया, लेकिन थोड़ी ही देर में बादल घिर गए और रिमझिम फुहारें पड़ने लगीं। इसके बाद पूरे दिन रुक-रुककर बारिश होती रही। राप्ती नदी के उफनाने से जमुनहा तहसील क्षेत्र के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में खेतों में पानी भर गया है। इससे कटी पड़ी फसल नदी की धारा में बह गई। खेतों में खड़ी धान की फसल पानी में डूबने से बर्बाद हो रही है। भौसावा गांव निवासी हरीराम, ज्वाला प्रसाद, अमरीका प्रसाद, जगमोहन, पाटन, रामकुमार ने बताया कि खेत में काट कर लगाई गई फसल नदी की धारा में बह गई। खेत में लगी फसल पानी से बर्बाद हो रही है। इस बार अच्छी बारिश होने से अन्य वर्षों की अपेक्षा बेहतर उत्पादन की आस थी। खेत में धान की फसल देख कर मन गदगद हो जाता था, लेकिन प्रकृति के कोप ने सब बर्बाद कर दिया है। अब तो ऐसा लगता है कि अनाज का एक दाना भी घर की डेहरी तक नहीं पहुंच पाएगा। हरिहरपुररानी ब्लाक के केवलपुर गांव निवासी किसान संतराम यादव, नानबाबू, शीतल वर्मा व संचित शर्मा ने बताया कि बारिश के साथ तेज हवा चलने से पूरी फसल खेतों में गिर गई है। इसके बाद भी बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। अब लगता है कि पूरी खेती-किसानी ही चौपट हो जाएगी। पटना खरगौरा के किसान आरके पांडेय ने बताया कि उनकी 13 बीघे धान की पकी फसल खेत में कटी लगी है। बारिश में फसल भीग कर बर्बाद हो रही है। इसी प्रकार सिरसिया, इकौना, गिलौला ब्लाक क्षेत्र में भी खेतों में पकी खड़ी धान की फसल को बेमौसम बारिश से भारी नुकसान हुआ है।