जेसीबी मशीन से छलनी किया जा रहा धरती का सीना
श्रावस्ती: मिट्टी खनन में जेसीबी मशीन के प्रयोग पर प्रतिबंध के बाद भी ईंट भट्ठों पर धड़ल्ले से इसका प
श्रावस्ती: मिट्टी खनन में जेसीबी मशीन के प्रयोग पर प्रतिबंध के बाद भी ईंट भट्ठों पर धड़ल्ले से इसका प्रयोग हो रहा है। नियम-कायदों को ताक पर रख कर ईंट पथाई के लिए जेसीबी से मिट्टी का खनन कराया जा रहा है। खनन के लिए परमिट लेना भी भट्ठा संचालक अनिवार्य नहीं समझते हैं।
ईंट बनाने के लिए मिट्टी खनन करना जरूरी होता है। इसके लिए शासन ने मानक तय किए हैं। भट्ठा संचालक को किसान से जमीन लीज पर लेनी होती है। इसके बाद निर्धारित सीमा तक खनन के लिए परमिट लेना होता है। परमिट मिलने के बाद श्रमिकों को लगाकर मिट्टी खनन करने का नियम है। इसमें जेसीबी का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है। भट्ठा संचालक शासन के नियमों को दर-किनार कर अपने तरीके से खनन करवा रहे हैं। जमुनहा विकास क्षेत्र के किसान राघव राम, रामदुलारे, सियाराम, राजेश, ननके, चिनगी आदि ने बताया कि भट्ठा मालिक मिट्टी खनन के लिए जमीन ले लेते हैं। इसके बदले में तय रेट पर किसान को भुगतान कर देते हैं। बिना लीज व परमिट कराए ही खनन शुरू करवा देते हैं। इस काम में प्रशासनिक व्यवस्था रोड़ा न बने इसके लिए रातोरात जेसीबी लगवाकर खनन किया जाता है। अधिकांश मामले ऐसे हैं, जहां पांच बीघे जमीन पर खनन की अनुमति ली जाती है और 25 से 30 बीघा तक क्षेत्रफल में मानक से अधिक खुदाई कर ली जाती है। किसानों ने बताया कि भट्ठा संचालकों की पकड़ प्रशासन में मजबूत होने से इन पर कार्रवाई नहीं हो पाती है। जमुनहा तहसील क्षेत्र के रामपुर कोड़री, फतुहापुर, लक्ष्मननगर, बंजारनपुरवा के आसपास चले रहे ईंट भट्ठों पर यह स्थिति आसानी से देखी जा सकती है।
10 गुना होगा जुर्माना-
अपर जिलाधिकारी योगानंद पांडेय ने बताया कि यदि खनन के लिए रायल्टी जमा होती है तो अनुमति पत्र के साथ निर्धारित भू-खंड पर ही मिट्टी खोदने की छूट दी जाती है। यदि बिना रायल्टी के खनन होता है तो रायल्टी का 10 गुना जुर्माना वसूला जाएगा। इस संबंध में कोई शिकायत न मिलने से कार्रवाई नहीं हो पाती है। यदि ऐसा है तो एसडीएम की टीम भेज कर कार्रवाई की जाएगी।