हॉकी में कमाल कर रहीं श्रावस्ती की बेटियां
श्रावस्ती : बाल विवाह के मामले में सूबे के पहले पायदान वाले इस जिले में जब तमाम बेटियां विवाह बंधन
श्रावस्ती : बाल विवाह के मामले में सूबे के पहले पायदान वाले इस जिले में जब तमाम बेटियां विवाह बंधन में बंध कर चौका-चूल्हा संहाल लेती हैं, उम्र के उसी मोड़ पर कई बेटियों ने पुरातन परंपरा को तोड़कर हॉकी से नाता जोड़ा है। अपनी प्रतिभा के बूते इन बेटियों ने जिले से लेकर मंडल स्तर तक अपनी कलाइयों का जादू बिखेरा है। अभी हाल ही में हॉकी की मंडलीय प्रतियोगिता में जिले की इन बेटियों ने अपने हुनर से हर किसी को दांतों तले उगंलियां दबाने को विवश कर दिया है। इस सफलता के पीछे जिलाधिकारी दीपक मीणा और हॉकी कोच मुनव्वर हुसैन का भी योगदान है।
हाल ही में लखनऊ में आयोजित पं. दीनदयाल उपाध्याय स्टेट ओपेन हॉकी टूर्नामेंट में जिले की तीन बेटियों तायबा खान, खुशी शुक्ला और वंदना चौधरी ने मंडलीय टीम में चयनित होकर जिले को गौरवांवित किया है। इस टूर्नामेंट में इन बेटियों ने देवीपाटन मंडल की टीम से खेलते हुए अपनी कलाईयों के हुनर का प्रदर्शन मैदान पर किया। मंडलीय टीम में तीन बेटियों का चयन आम लोगों के लिए भले ही बड़ी खबर न हो, लेकिन जिस जिले में 79 प्रतिशत से भी अधिक बेटियां 18 साल से कम उम्र में ब्याह दी जाती हों और जिस जिले में महिला साक्षरता की दर महज 37 प्रतिशत हो उस जिले में इस तरह से बेटियों को वर्जनाओं को तोड़ना सराहनीय है।
सनद रहे कि गत वर्ष हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर दैनिक जागरण ने टूटी हॉकी के सहारे हॉकी खेल रही बेटियों की व्यथा को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद जिलाधिकारी दीपक मीणा ने हॉकी खिलाड़ियों को नई स्टिक दी, बस फिर क्या था हॉकी के इन खिलाड़यिों को खुला आसमान और पंख मिल गए। मैदान पर हॉकी खिलाड़यिों ने अपने कोच मुनव्वर हुसैन के साथ जमकर पसीना बहाया और ड्रिबि¨लग, स्कूप, पु¨शग, हि¨टग के साथ ही पेनाल्टी कॉनर्र की बारीकियों को सीखा। इसके बाद इन बेटियों ने स्टेडियम टीम और फिर ब्लॉक और जिला टीम का सफर तय करते हुए अपने लिए मंडलीय टीम में जगह पक्की की। इनके अलावा स्टेडियम में तबस्सुम, चारू वर्मा, प्रियंका राना, अंशू वर्मा, मुस्कान बानो, खुशबू, सीमा मिश्रा, पल्लवी राना, चांदनी, संगीता आदि नियमित रूप से हॉकी की बारीकियां सीख रही हैं।