तराई में छाए रहे बादल, फसलों के लिए पुरवाई बनी आफत
बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात ने तराई में शनिवार को भी अपना असर दिखाया। सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे। चल रही पुरवा हवाओं ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर किया। बादल छाने व पुरवा हवाएं चलने से दलहनी व तिलहनी फसलें प्रभावित हो रही हैं। इसको लेकर किसान चितित हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 24 घंटे तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। हल्की बूंदाबांदी के आसार भी हैं।
बहराइच : बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात ने तराई में शनिवार को भी अपना असर दिखाया। सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे। चल रही पुरवा हवाओं ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर किया। बादल छाने व पुरवा हवाएं चलने से दलहनी व तिलहनी फसलें प्रभावित हो रही हैं। इसको लेकर किसान चितित हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 24 घंटे तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। हल्की बूंदाबांदी के आसार भी हैं।
बारिश थमी तो चार डिग्री चढ़ा पारा
तराई में 24 घंटे तक रिमझिम बारिश शुक्रवार रात से थम गई। हालाकि सुबह कोहरे की तनी चादर से सड़कों पर वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा रहा। लाइट जलाकर वाहन गुजरते दिखे। बारिश रुकने के बाद दिन का अधिकतम तापमान चार डिग्री बढ़कर 18 व न्यूनतम पारा दो डिग्री सेल्सियस बढ़कर 10.9 रिकार्ड किया गया। पारे में बढ़ोतरी के साथ ही ठंड थोड़ा कम रही। मौसम पर्यवेक्षक शंख माधव तिवारी ने बताया कि तराई में बादल छाए रहेंगे। पुरवा हवाएं चलने से न्यूनतम पारा लुढ़केगा। हालांकि शाम होते ही गलन बढ़ने लगती है। अभी कुछ दिन ठंड इसी तरह पड़ेगी।
फसलों की सुरक्षा को लेकर किसान परेशान
मौसम के बदले मिजाज से फसलों में रोग लगने की संभावना बढ़ गई है। फसलों की सुरक्षा को लेकर किसान चितित हैं। मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमवी सिंह ने बताया कि पुरवा चलने से दलहनी व तिलहनी फसलों में रोग लगने की संभावना बढ़ी है। सरसों व गन्ने की फसल गिर जाने से भी उत्पादन प्रभावित होगा। किसान खेत का निरीक्षण करते रहें। फसलों में पीलापन व रोग की संभावना पर तत्काल वैज्ञानिकों से सलाह लेकर दवाओं का छिड़काव कराएं।
तापमान पर एक नजर
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शुक्रवार 9.2 14
शनिवार 10.9 18