प्रतिष्ठा की सीट विपक्ष की एकता भी न आ सकी काम
भूपेंद्र पांडेय श्रावस्ती सिरसिया ब्लॉक प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को असफल कर पूर्व सांसद द
भूपेंद्र पांडेय, श्रावस्ती: सिरसिया ब्लॉक प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को असफल कर पूर्व सांसद दद्दन मिश्र ने सियासत में अपनी ताकत का एहसास करा दिया है। प्रतिष्ठा की इस सीट पर मजबूत दिख रहे विपक्ष की एकजुटता अंतिम समय में छिन्न-भिन्न हुई। लगभग दो माह से चर्चा के केंद्र में रहे अविश्वास प्रस्ताव का परिणाम सुखद होने से भाजपाई खेमा गदगद है।
सूबे की सत्ता बदलते ही सिरसिया ब्लॉक प्रमुख पद के लिए उठा पटक शुरू हुई थी। तत्कालीन भाजपा सांसद दद्दन मिश्र की प्रतिष्ठा से जुड़ी इस सीट पर ब्लॉक प्रमुख मंजूर खां के विरुद्ध अनीता देवी के नेतृत्व में 12 जुलाई 2017 को 109 क्षेत्र पंचायत सदस्यों में से 79 ने अविश्वास जताते हुए डीएम को नोटरी शपथ पत्र सौंपा था। पांच अगस्त को हुई चर्चा में अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद मार्च 2018 में हुए चुनाव में भाजपा उम्मीदवार अनीता ने 14 मतों से जीत दर्ज की। लोकसभा चुनाव में सांसद दद्दन मिश्र को मिली हार व भाजपा में मचे अंतर कलह के बीच विपक्ष ने खोई सीट पर अपना रुतबा फिर से जमाने के लिए कोशिश शुरू की। समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के अध्यक्ष मैनुद्दीन उर्फ दद्दन खां के नेतृत्व में 19 जून को सदस्यों ने अविश्वास जताया। शह-मात का खेल शुरू हुआ। अविश्वास पर चर्चा के लिए निर्धारित तारीख 24 जुलाई तक विपक्ष की एकजुटता के सामने भाजपाई खेमा कमजोर दिख रहा था। मुट्ठी की रेत की तरह सीट हाथ से फिसल रही थी। एसडीएम के अस्वस्थ होने से यह चर्चा स्थगित हुई। इसके बाद पूर्व सांसद दद्दन मिश्र ने अपने दांव चलने शुरू किए। विपक्ष के तरकस से ही मजबूत तीर निकाल कर प्रहार किया। महज 16 दिनों में विपक्ष की एकजुटता छिन्न-भिन्न हो गई। इस काम में भाजपा के नए सहयोगियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। 10 अगस्त को पुन: अविश्वास पर बुलाई गई चर्चा में बीडीसी सदस्यों के हाजिर न होने से अविश्वास प्रस्ताव असफल हो गया।