कृषि विधेयक के विरोध में सड़क पर उतरी भाकियू
सपा व कांग्रेस ने भी किया प्रदर्शन बौद्ध परिपथ पर एक घंटे तक ठप रहा आवागमन
जागरण टीम, श्रावस्ती: केंद्र सरकार की ओर से लागू कृषि अध्यादेश से आक्रोशित भाकियू ने शुक्रवार को किसान कर्फ्यू का आयोजन कर बौद्ध परिपथ जाम कर दिया। सरकार विरोधी नारे लगाए। लगभग एक घंटे आवागमन बाधित रहा। किसानों ने कृषि अध्यादेश वापस लेने की मांग की। भाकियू के अलावा सपा व कांग्रेस ने भी सड़क पर उतरकर इसका विरोध किया। पुलिस ने किसानों व कांग्रेसियों को को गिरफ्तार कर सड़क खाली करवाया और उन्हें बसों मे बैठाकर जगतजीत इंटर कालेज के मैदान ले गई।
भाकियू मंडल अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि कृषि सुधार के नाम पर बने नए कानून से किसान कंपनियों के बंधुआ मजदूर बन जाएंगे। यह कानून किसानों को मंजूर नही है। उन्होंने कहा कि कृषि में कानून नियंत्रण, मुक्त विपणन, भंडारण, आयात-निर्यात किसान हित में नहीं है। इसका खामियाजा देश के किसान विश्व व्यापार संगठन के रूप में पहले से ही भुगत रहे हैं। ओम प्रकाश प्रजापति ने कहा कि समर्थन मूल्य कानून बनाकर कृषि सुधारों से किसान का बिचौलियों और कंपनियों द्वारा किया जा रहा शोषण बंद कराया जाए। इससे किसानों के आय में वृद्धि हो सकती है। इसके बाद तीन सूत्री ज्ञापन एसडीएम राजेश मिश्र को सौंपा। तहसील अध्यक्ष सोम शर्मा, विजय कुमार, रक्षाराम, हनुमंत लाल पांडेय, कैलाशनाथ शुक्ला, बलराम, कृष्ण, सोमई प्रसाद सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। भाकियू के समर्थन में उतरी कांग्रेस, दी गिरफ्तारी
कांग्रेस ने भाकियू कृषि अध्यादेश के विरोध आंदोलन को समर्थन किया। बहराइच-बलरामपुर मार्ग पर नारेबाजी कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर जगतजीत इंटर कालेज पहुंचाया। जिलाध्यक्ष नसीम चौधरी ने बिल को किसान विरोधी बताया। एआइसीसी सदस्य दिलीप शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार देश की अर्थव्यवस्था चौपट करने पर तुली हुई है। रमाकांत तिवारी ने कृषि अध्यादेश वापस लेने की मांग की। सपाइयों ने एडीएम को सौंपा ज्ञापन
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पर शुक्रवार को सपाइयों ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एडीएम योगानंद पांडेय को सौंपा। केंद्र की भाजपा सरकार की ओर से किसान एवं श्रमिक विरोधी विधेयक का विरोध करते हुए सपाइयों ने इसे वापस लेने की मांग की। पूर्व विधायक हाजी मुहम्मद रम•ान ने कहा कि यह विधेयक किसान व श्रमिक विरोधी है।इसे तुरंत वापस लिया जाए। जिलाध्यक्ष सर्वजीत यादव, पूर्व विधायक इंद्राणी वर्मा, अशरफ खान, सरोजनी शर्मा, हाजी अब्दुल व़फा, वंशीलाल यादव, राजा खान मौजूद रहे।