उद्यमियों के गले का फांस बना पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम का ऋण
भूपेंद्र पांडेय, श्रावस्ती : छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए 14 वर्ष पूर्व पिछड़ा वर्ग वित्त
भूपेंद्र पांडेय, श्रावस्ती : छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए 14 वर्ष पूर्व पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम की ओर से बांटे गए अल्प ऋण अब लोगों के गले का फांस बन गए हैं। 20 लाख 71 हजार रुपये का कुल कर्ज था। ब्याज समेत 41 लाख 84 हजार 610 रुपये की वसूली होनी है। विभाग पर वसूली का दबाव है, तो नोटिस मिलने के बाद ऋण दाता परेशान हैं।
वर्ष 1998 में चार प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण देने की योजना शुरू हुई। वर्ष 2000 से 2004 के बीच जिले के 49 लोगों ने कुल 21 लाख 71 हजार रुपये का ऋण लिया। इसकी अदायगी किस्तों में होनी थी। लोगों ने कुछ समय तक किस्त जमा की। लगभग नौ लाख 35 हजार 161 रुपये जमा हुए। इसके बाद किस्त जमा होना बंद हो गया। अरसे बाद प्रदेश सरकार ने विभाग को ब्याज समेत वसूली करने को कहा है। बीते वर्षों में किस्त जमा न होने पर आठ प्रतिशत की दर से दंड ब्याज लगा। अब कुल बकाया बढ़कर 41 हजार 84 हजार 610 रुपये हो चुका है। इसमें लगभग 30 लाख 48 हजार 771 रुपये दंड ब्याज के हैं।
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20 हजार से एक लाख तक दिए ऋण -
विभाग ने फल, सब्जी, पेंट, मिठाई, पीसीओ, गारमेंट्स की दुकान, रेस्टोरेंट,डेयरी उद्योग, बकरी पालन आदि के लिए 20 हजार से एक लाख रुपये तक के ऋण दिए थे। बैलगाड़ी के लिए सबसे कम 20 हजार रुपये दिए गए थे।
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विभाग की ओर से शत-प्रतिशत वसूली के निर्देश मिले हैं। नोटिस दी गई है। कर्मी खुद घर-घर जाकर वसूली के लिए प्रयास कर रहे हैं।
-मोहन त्रिपाठी, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी
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