पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगे अमृत वन
ग्रामीण व नगर क्षेत्र में खाली पड़ी सरकारी जमीन पर लगाए जाएंगे पौधे हर गांव में 75 पौधे रोपित करने का निर्धारित हुआ लक्ष्य वन विभाग को मिली जिम्मेदारी
श्रावस्ती : पर्यावरण संरक्षण का संदेश जन-जन तक पहुंचाने व समाज के लोगों को इसकी मंशा के साथ जोड़कर इसके प्रति सजग करने के उद्देश्य से गांव-गांव अमृत वन तैयार किए जाएंगे। नगर पालिका व नगर पंचायत क्षेत्र में भी खाली पड़ी सरकारी जमीनों पर पौधारोपण किया जाएगा। प्रत्येक गांव में कम से कम 75 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
हिमालय की तलहटी में स्थित श्रावस्ती जिले में पर्याप्त वन संपदा है। भिनगा, गिरंट, ककरदरी व सोहेलवा जंगल के अलावा बाग-बगीचे व खेतों में भी हरे-भरे पेड़ लहलहा रहे। कुल एक लाख 94 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले श्रावस्ती जिले में लगभग 14 लाख की आबादी निवास करती है। कुल क्षेत्रफल का 35 प्रतिशत हिस्सा हरियाली से आच्छादित होना पर्यावरण की दृष्टिकोण से बेहतर माना जाता है। तराई के इस इलाके में कुल क्षेत्रफल का 22 प्रतिशत हिस्सा पेड़-पौधे व वनों से आच्छादित है। इसमें साखू, सागौन व खैर के घने जंगल भी हैं। ग्रामीण क्षेत्र में मेड़ व बगीचे में लगे पौधे कुल क्षेत्रफल का चार से पांच प्रतिशत हिस्सा हरियाली से समेटे हैं। नेपाल के पहाड़ों से सटे इस जिले में नदी, नाले व पोखरों की भी भरमार है। कुल मिलाकर पर्यावरण के दृष्टिकोण से यहां की आबोहवा बेहतर मानी जाती है। इसे लगातार बेहतर बनाए रखने के लिए प्रयास भी हो रहे हैं। अमृत वन इस दिशा में एक बड़ी पहल है। जिले में कुल 397 ग्राम पंचायतें हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में 75 पौधे लगाकर अमृत वन तैयार किया जाएगा। इस प्रकार 29 हजार 775 नए पौधों का रोपण होगा। नगर पालिका परिषद भिनगा व नगर पंचायत इकौना में 750-750 पौधे लगाए जाएंगे। वन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
ग्राम पंचायत को मिलेगा पौधों की सुरक्षा का जिम्मा
गांव में अमृत वन विकसित करने के लिए लगाए जाने वाले पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की होगी। समय-समय पर निराई-गुड़ाई व पौधे विकसित हों, इसके लिए किए जाने वाले अन्य कार्यों के बदले में मनरेगा से श्रमिकों को भुगतान किया जाएगा। यह अमृत वन ग्राम पंचायत की संपत्ति का हिस्सा होंगे।
कोट
प्रत्येक गांव में 75 व निकाय क्षेत्र में 750 पौधे लगाकर अमृत वन बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पौधे उपलब्ध हैं। वन महोत्सव के दौरान यहां भी पौधारोपण कराया जाएगा।
- एपी यादव, डीएफओ, श्रावस्ती।