नहीं बनी बात, गन्ने के जाम से हलकान होगा शहर
प्रशासन और गन्ना विभाग ने मिल प्रबंधन के साथ बैठक कर ऐसी व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जिससे किसानों को गन्ना लेकर शहर के भीतर प्रवेश न करना पड़े लेकिन इस पर बात नहीं बन सकी है।
शामली, जेएनएन। गन्ने के जाम से मुक्त करने की कवायद परवान नहीं चढ़ सकी है। आगामी पेराई सत्र में भी शहर को फिर से जाम की समस्या से जूझना पड़ेगा। प्रशासन और गन्ना विभाग ने मिल प्रबंधन के साथ बैठक कर ऐसी व्यवस्था बनाने का प्रयास किया, जिससे किसानों को गन्ना लेकर शहर के भीतर प्रवेश न करना पड़े, लेकिन इस पर बात नहीं बन सकी है। मिल प्रबंधन ने प्रशासन को भरोसा दिया है कि यातायात व्यवस्था को ठीक रखने के लिए शहर के प्रमुख स्थानों पर अपने गार्ड तैनात करेंगे। ऐसा हर साल होता है, लेकिन कई-कई दिन तक शहर जाम रहता है।
गन्ने का जाम शहर की प्रमुख समस्या है। चीनी मिल का रास्ता शहर के बीचोंबीच से होकर जाता है, तो गन्ने से लदे ट्रैक्टर-ट्रॉली और भैंसा-बुग्गी से अक्सर जाम की स्थिति बनती है। कई बार तो लगातार कई-कई दिन तक जाम लगा रहता है और ट्रैफिक रेंगता है। मिल में कुछ तकनीकी खराबी आ जाए तो स्थिति और खराब हो जाती है। दोपहिया वाहनों का निकलना तो दूर, पैदल चलने वालों की भी मुसीबत रहती है। व्यापारी भी परेशान रहते हैं, क्योंकि जाम के चलते ग्राहक कम हो जाते हैं। ऐसे में इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश की गई। योजना बनाई गई कि गन्ने से लदे ट्रैक्टर-ट्रॉली और भैंसा-बुग्गी शहर में नहीं आएं। इसके लिए शहर में एंट्री से पहले ही क्रय केंद्र लगाने की बात हुई, लेकिन मिल प्रबंधन ने कहा कि ऐसा संभव नहीं है। इसके पीछे कारण ये भी था कि मिल गेट की पर्चियां अलग से जारी होती हैं और क्रय केंद्र पर डाले जाने वाले गन्ने के दाम किसानों को कम मिलते हैं। मिल अधिकारियों ने कई कारण प्रशासन को बताए। बता दें कि शहर में सात मार्गाें से गन्ना आता है। जाम से निजात दिलाने को चल रहा है मंथन
अपर जिलाधिकारी अरविद कुमार का कहना है कि जाम से शहरवासियों को निजात दिलाने के लिए मंथन चल रहा है। शहर के बाहर क्रय केंद्रों की व्यवस्था तो नहीं बन सकेगी। मिल अधिकारियों ने कहा है कि वह व्यवस्था बनाने के लिए प्रमुख स्थानों पर अपने गार्ड तैनात करेंगे। ऐसा संभव नहीं
शामली मिल के अतिरिक्त महाप्रबंधक गन्ना नरेश कुमार का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है कि मिल गेट पर आने वाले गन्ने को क्रय केंद्रों के माध्यम से लिया जाए। कई शहरों में मिल शहर के अंदर हैं और वहां भी ऐसी ही स्थिति रहती है। हमारी तरफ से पूरा प्रयास रहेगा कि गन्ने के वाहनों के चलते यातायात की व्यवस्था नहीं बिगड़े। 30 अक्टूबर से शुरू होगा पेराई सत्र
शामली चीनी मिल में पेराई सत्र 30 अक्टूबर से शुरू होने की बात कही जा रही है। पिछले साल नौ नवंबर को पेराई सत्र शुरू हुआ था और दो जून तक पेराई हुई थी।
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