केंद्र सरकार की श्रम संहिता में नहीं श्रमिकों का हित
भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों को समाप्त कर श्रम संहिता बनाने का विरोध किया है। संगठन के पदाधिकारियों ने दो टूक कहा कि श्रम संहिता किसी भी स्तर पर श्रमिकों के हित में नहीं है।
शामली, जेएनएन। भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों को समाप्त कर श्रम संहिता बनाने का विरोध किया है। संगठन के पदाधिकारियों ने दो टूक कहा कि श्रम संहिता किसी भी स्तर पर श्रमिकों के हित में नहीं है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन डीएम जसजीत कौर को सौंपा। इसमें श्रमिकों के हितों पर गौर करने की मांग की गई।
बुधवार को भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा के नेतृत्व में संघ के पदाधिकारियों ने डीएम जसजीत कौर को ज्ञापन सौंपा। इसमें अवगत कराया कि केंद्र सरकार श्रम विरोधी नीति अपना रही है। इसमें श्रमिक वर्ग काफी रोष व्याप्त हो रहा है। रम कानूनों को समाप्त कर चार श्रम संहिता बनाना किसी भी भी स्तर से श्रमिक हित में नहीं है। भारतीय मजदूर संघ पूर्व में ये सभी आपत्ति सरकार के सामने रखता रहा है, लेकिन केंद्र और प्रदेश सरकार अपनी हठधर्मिता पर उतारू है। इससे सभी ट्रेड यूनियन आक्रोशित हैं। जिलाध्यक्ष ने कहा कि सरकार के इस कृत्य की घोर निदा करते है। जिला मंत्री प्रदीप कुमार ने बताया कि केंद्रीय सरकार ने श्रम संहिता बनाकर श्रमिकों के साथ धोखा किया है। सभी मजदूर पूरे देश में इसके विरोध में ज्ञापन देकर विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया है। ज्ञापन देने वालों में विमल शर्मा, विनोद शर्मा, बालम, मांगेराम, मनमोहन शर्मा, रमेश गर्ग, पारसनाथ आदेश शर्मा, विकास, दीपक, दर्शनपाल, तेजपाल सिंह, रामचरण, शिवराज, कृष्णपाल आदि मौजूद रहे।