सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का दिल से करें स्वागत: एसपी
शामली जेएनएन गुरूवार को जमीअत उलेमा की बैठक में पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने सांप्रदायिक सौहार्द प्रेम व भाईचारा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का प्रत्येक को दिल से सम्मान व स्वागत करना चाहिए। उन्होने सोशल मीडिया पर ध्यान न देने तथा अफवाहों से दूर रहने का भी आह्वान किया।
शामली: जेएनएन:
गुरूवार को जमीअत उलेमा की बैठक में पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने सांप्रदायिक सौहार्द, प्रेम व भाईचारा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का प्रत्येक को दिल से सम्मान व स्वागत करना चाहिए। उन्होने सोशल मीडिया पर ध्यान न देने तथा अफवाहों से दूर रहने का भी आह्वान किया।
गुरूवार को शहर के दिल्ली रोड स्थित मदरसे में जमीअत उलेमा जिला शामली के पदाधिकारियों ने शांति समिति की बैठक का आयोजन किया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने कहा कि पिछले काफी वर्षो से अयोध्या में बाबरी मस्जिद तथा श्रीराम जन्मभूमि को लेकर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाने जा रहे है। इसका सभी को दिल से स्वागत करना चाहिए। उच्चतम न्यायालय किसी जाति धर्म या समुदाय को लेकर नही बल्कि सभी के लिए है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर पुलिस प्रशासन द्वारा निगरानी रखी जा रही है। प्रत्येक दंगाई को चिह्नित किया गया है, जिसको रेड कार्ड भी जारी किए जाएंगे। अपराधियों तथा सांप्रदायिक स्थानों को भी चिह्नित किया गया है। कोई भी व्यक्ति खुराफात करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलती रहती है, इसलिए इस पर ध्यान न दे। 90 फीसद लोग झूठ का सहारा लेकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास करते है। इसलिए विवेक व सत्यता जानने का काम करें। इस मौके पर जमीअत के सदर मौलाना साजिद ने कहा कि जमीअत हमेशा से ही देश में अमन चैन कायम करने का काम करती है और आज भी देश में अमन की बात कर रही है, लेकिन कुछ समाजिक संगठन के लोगों पर भी पाबंदी लगाने की जरूरत है जो छोटी छोटी बातों पर अमन खराब करने का काम करते है। उन्होंने सभी से सुप्रीम कोर्ट का फैसला का दिल से स्वागत करने का आह्वान किया। जनरल सेकेट्री मौलाना अय्यूब, कोतवाली प्रभारी सुभाषचंद राठौर, मौलाना यामीन, सभासद हाजी खालिद, कालू कुरैशी, राशिद अली एडवोकेट, नसीम भूरा सभासद, मौलाना नजाकत अली, मुफ्ति जुबैर, मौलाना बदरूल हुदा, मुफ्ति जाकिर, मौलाना इकबाल, मौलाना राफे, मुफ्ति साजिद, कारी अरशद आदि मौजूद रहे।