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आपराधिक वादों में गवाहों को सुरक्षा के लिए समिति गठित

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराधिक वादों में गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने और गवाहों के सुरक्षा खतरे का आंकलन करने के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति विटनेस प्रोटेक्शन आवेदन प्राप्त होने पर विटनेस प्रोटेक्शन मेजर्स लेने के लिए आर्डर जारी करेंगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 11:10 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 11:10 PM (IST)
आपराधिक वादों में गवाहों को सुरक्षा के लिए समिति गठित
आपराधिक वादों में गवाहों को सुरक्षा के लिए समिति गठित

शामली, जागरण टीम। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराधिक वादों में गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने और गवाहों के सुरक्षा खतरे का आंकलन करने के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति विटनेस प्रोटेक्शन आवेदन प्राप्त होने पर विटनेस प्रोटेक्शन मेजर्स लेने के लिए आर्डर जारी करेंगी।

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डीएम जसजीत कौर ने बताया कि रिट याचिका संख्या 156/16 महेंद्र चावला अन्य बनाम यूनियन आफ इंडिया व अन्य में सर्वोच्च न्यायलय ने पारित आदेश में फौजदारी के वादों में गवाहों को सुरक्षा के संबंध में निर्देश दिए थे। इसके चलते प्रदेश सरकार ने साक्षी सुरक्षा योजना-2018 के तहत जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्टैडिग कमेटी का गठन किया गया है। समिति में जिलाधिकारी, जनपद के अभियोजन प्रमुख सदस्य सचिव तथा पुलिस अधीक्षक को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि अपराधिक मामलों में ऐसे गवाह, जिन्हें अपनी सुरक्षा का खतरा है, वह स्टैडिग समिति के सामने साक्षी सुरक्षा योजना-2018 के तहत आवेदन कर सकते हैं। समिति आवेदन पर सुरक्षा के संबंध में समुचित निर्णय लेगी। जिलाधिकारी ने जनपद के सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि साक्षी सुरक्षा योजना-2018 के तहत न्यायालय में अपराधिक मामलों में गवाहों को समुचित सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशों के अनुपालन में गवाहों की सुरक्षा में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनपद में ऐसे सभी प्रकरणों को चिह्नित कर गवाहों के आवेदन पत्र स्टैडिग समिति के समक्ष प्रस्तुत कराएं ताकि समुचित निर्णय लिया जा सके। उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों एवं थानाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि वो अपराधिक मामलों में साक्षी सुरक्षा योजना के बारे में थाना स्तर पर जानकारी दें, जिससे विभिन्न वादों के गवाहों को योजना की जानकारी प्राप्त हो सकें।


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