पेयजल व्यवस्था सुचारू न होने से ग्रामीण बेहाल
जलालाबाद (शामली): गांव चंदनेमाल कृष्णी नदी के प्रदूषण की मार झेल रहा है। कृष्णी का जल को
जलालाबाद (शामली): गांव चंदनेमाल कृष्णी नदी के प्रदूषण की मार झेल रहा है। कृष्णी का जल को निर्मल बनाने के लिए दशक पूर्व ग्रामीणों के आंदोलन बावजूद गांव शुद्ध पेयजल को लिए तरस रहा है। पानी का टैंक गांव की आधी आबादी की प्यास नही बुझा रहा है। ग्रामीणों ने गांव की पूरी आबादी को शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए दूसरा पानी टैंक निर्माण कराने की मांग की है।
चंदेनामाल की आबादी छह हजार लगभग है। गांव कृष्णी नदी किनारे बसा होने से प्रदूषित पानी का शिकार है। प्रदूषित पानी के कारण कैंसर से पीडि़त सैकड़ों की मौत एक दशक से अधिक समय में हो चुकी है। 2006 में ग्रामीणों ने प्रदूषित पानी की रोकथाम के लिए माटी ग्रामीणों ने संस्था गठित कर इसके बैनर तलें कृषणी नदी को निर्मल बनाने के लिए जन आंदोलन किया था। उस समय गन्ना राज्यमंत्री सुरेश राणा भी आदोलन से जुडे़ थे। ग्रामीणों को जन आदोंलन में समर्थन किया था। पूर्व प्रधान ठा खडग ¨सह, रकम ¨सह, राजकुमार शर्मा, लाखन ¨सह, संजीव कुमार, अजय चौहान, सुशील चौहान, नरेंद्र चौहान आदि ने पानी का दूसरा टैंक निर्माण कराने की मांग की है।
आपसी खींचतान की भेंट चढ़ गई योजना
सन 2008 में गांव में आपूर्ति के लिए प्रशासन ने गांव में पानी का टैंक निर्माण कराया। टैंक निर्माण के लिए जगह गांव की आपसी खींचतान की भेंट चढ़ गई। गांव के नीचे किनारे पर पंचायत घर परिसर में टैंक निर्माण करा दिया गया। जलापूर्ति के लिए डाले पाइप भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गए। पाइप मानक अनुसार न होने से जगह-जगह फटने से जल आपूर्ति बाधित हो गई। गांव ऊंचे में बसे होने की वजह से आधी से अधिक आबादी जलापूर्ति से वंचित है।