पशु की इयर टैगिग बिना नहीं होगा टीकाकरण
पशुओं को खुरपका-मुंहपका बीमारी की रोकथाम के लिए 45 दिन तक पशुपालन टीकाकरण अभियान जारी रहेगा। पशुओं की ईयर टैगिग टीकाकरण के लिए अनिवार्य होगी। पशुपालक ईयर टैगिग होने पर अपना पशु विक्रय कर सकते है।
शामली, जेएनएन। पशुओं को खुरपका-मुंहपका बीमारी की रोकथाम के लिए 45 दिन तक पशुपालन टीकाकरण अभियान जारी रहेगा। पशुओं की ईयर टैगिग टीकाकरण के लिए अनिवार्य होगी। पशुपालक ईयर टैगिग होने पर अपना पशु विक्रय कर सकते है। इसके लिए किसी तरह की रोक नहीं है। ईयर टैगिग होने से पशुओं को सरकार से मिलने वाली हर सुविधा हासिल होगी। ग्राम प्रधानों को टीकाकरण अभियान को सफलता दिलाने की जिम्मेदारी दी गई है।
जलालाबाद व आसपास ग्रामीण क्षेत्र में पशु पालन विभाग की ओर से मुंहपका-खुरपका टीकाकरण अभियान चल रहा है। एक अक्टूबर से अभियान 15 नवंबर तक चलेगा। गौै वंशीय व महिष वंशीय (4 माह से कम आयु के पशुओं तथा आठ माह से अधिक गर्भित पशुओं को छोड़कर) सभी पशुओं का टीकाकरण निश्शुल्क किया जा रहा। इस अभियान में पशुओं की ईयर टैगिग अनिवार्य है। इसको लेकर कुछ लोग भ्रम फैलाते है कि ईयर टैगिग होने पर पशुपालक अपना पशु विक्रय नहीं कर सकते है। ऐसा नहीं है बल्कि ईयर टैगिग के होने से पशुओं को सरकार की ओर से मिलने वाली हर सुविधा मिलेगी। खुरपका-मुंहपका पशुओं में संक्रामक वायरल बीमारी है। छोटे पशुओं की अधिक मौैत इस बीमारी से होती है। इस बीमारी की चपेट में आने से पशु में तेज बुखार,भूख का न लगना, मुंह में छाले, खुर में छाले, मुंह से लार टपकना, लंगडापन, दुग्ध उत्पादन में गिरावट के लक्षण दिखाई देते है। बिना टीकाकरण इस बीमारी का निदान संभव नहीं है। पशुपालक ने टीम पहुंच टीकाकरण कर रही। ग्राम प्रधानों को इस अभियान को सफल बनाने की जिम्मेदारी प्रशासन ने दी है। इसके लिए नोडल अधिकारी बनाए गए है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी व नोडल अधिकारी लोकेश अग्रवाल ने बताया कि पशु पालक पशुओं को टीका अवश्य लगवाए। किसी भी जानकारी के लिए सीधे विभाग से जानकारी ले सकते है।