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लाकडाउन में समय का सदुपयोग कर बन गई यू-ट्यूबर

शहर निवासी आंचल गर्ग एमबीए की छात्रा हैं। कोरोनाकाल में कालेज बंद थे और वह घर में रहीं। कुछ अलग करने की इच्छा शुरू से ही थी तो उन्होंने यू-ट्यूब पर एक चैनल बना लिया। इंस्टाग्राम पर अकाउंट पहले से था। उन्होंने कास्मेटिक उत्पादों के साथ कपड़ों व खानपान की उत्पादों की समीक्षा शुरू की। इस संबंध में वह वीडियो अपलोड करने लगीं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 10:25 PM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 10:25 PM (IST)
लाकडाउन में समय का सदुपयोग कर बन गई यू-ट्यूबर
लाकडाउन में समय का सदुपयोग कर बन गई यू-ट्यूबर

शामली, जागरण टीम। शहर निवासी आंचल गर्ग एमबीए की छात्रा हैं। कोरोनाकाल में कालेज बंद थे और वह घर में रहीं। कुछ अलग करने की इच्छा शुरू से ही थी तो उन्होंने यू-ट्यूब पर एक चैनल बना लिया। इंस्टाग्राम पर अकाउंट पहले से था। उन्होंने कास्मेटिक उत्पादों के साथ कपड़ों व खानपान की उत्पादों की समीक्षा शुरू की। इस संबंध में वह वीडियो अपलोड करने लगीं। इस कार्य को करने से पीछे उनका मकसद बड़ा यू-ट्यूबर बनना है। इसके लिए वह पढ़ाई के साथ-साथ इंटरनेट मीडिया पर कार्य भी कर रही है। सालभर से चल रहे कार्य को देखते हुए आंचल के पास अब तमाम बड़ी कंपनियों के आफर भी आते हैं। तमाम कंपनियां भी उनसे अपने उत्पादों की ब्रांडिग कराते हैं और इसमें उनके पास कंपनी पैसा भी भेजने लगी है। शामली जैसे छोटे और ग्रामीण परिवेश के जिले में इस तरह का कार्य करने वाली वह पहली शख्स हैं।

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शामली के मोहल्ला रेलपार निवासी अशोक गर्ग की बेटी आंचल गर्ग ने दसवीं तक की पढ़ाई शामली के ही एक निजी स्कूल से की। उनका सपना कुछ बड़ा करने का था तो वह आगे की पढ़ाई के लिए मेरठ चली गई। वहां से बीकाम की पढ़ाई पूरी की। साल 2020 में कोरोना काल के चलते वह अपने घर शामली लौट आई। लाकडाउन के दौरान कहीं भी आना-जाना तो बंद ही हो गया था तो उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर कार्य करने वाले लोगों की वीडियो देखनी शुरू की। धीरे-धीरे उन्होंने भी अपना एक यू-टूयब चैनल बना लिया। साथ ही इंस्टाग्राम पर भी वह वीडियो बनाकर समाज में जो चल रहा उसपर चर्चा करने लगीं। उनके शब्दों और उनकी समीक्षा को लोगों ने पसंद किया तो एक ही वीडियो पर हजारों लाइक आने लगे। उसके बाद उन्होंने कास्मेटिक उत्पादों के साथ कपड़ों व खानपान के उत्पादों आदि की समीक्षा करनी शुरू ही। अब चूंकि कोरोना काल नहीं हैं तो उनकी पढ़ाई भी शुरू हो गई है। उन्होंने बीकाम के बाद एमबीए में दाखिला ले लिया है। पढ़ाई के साथ-साथ वह अपने इस कार्य को भी कर रही है। आंचल ने बताया कि शामली जिला देहात क्षेत्र में होने के कारण यहां कोई ऐसा कार्य नहीं करता, जबकि बड़े शहरों में लोग इस काम को करके ही बड़ी रकम कमा लेते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने इस कार्य की शुरूआत पैसा कमाने के लिए नहीं बल्कि नाम कमाने के लिए की है। वह एक बड़ा यू-ट्यूबर बनना चाहती हैं। इसके लिए वह लगातार मेहनत कर रही है।


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