बेगम देकर बादशाह लेना… जयंत ने फिर कसा तंज, इन दो सीटों की तरफ था इशारा; कहा- 6-7 का पहाड़ा सिखा रहे थे अखिलेश
रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि तीन क्षेत्र ऐसे हैं जहां के लोग मुझे जानते हैं। एक तो मथुरा दूसरा बागपत जहां से चौधरी चरण सिंह और चौधरी अजीत जीतते थे तीसरा कैराना। आप इशारे से ही समझ जाएं। सामाजिक जीवन में रणनीति होनी चाहिए। विपक्षी पार्टी हमें ही मात देना चाहते थे। कभी-कभी कड़वे फैसले लेने पड़ते हैं।
जागरण संवाददाता, शामली। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपने भाषण की शुरुआत में ही सपा पर निशाना साधा। उन्होंने शतरंज के खेल के बारे में समझाते हुए कहा कि विपक्षी हमें 6-7 का गणित सिखा रहे थे। विपक्षी बेगम देना चाह रहे थे, बादशाह लेना चाह रहे थे।
मंगलवार को ऊन में ईंट भट्टे के पास कैराना लोकसभा से भाजपा-रालोद के संयुक्त प्रत्याशी प्रदीप चौधरी के पक्ष में जनसभा को संबोधित करने के लिए राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी पहुंचे।
उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि चौधरी साहब के जाने के बाद आपने मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी है। मुझे यह अधिकार है कि आपके हित के लिए कार्य करूं। भगत सिंह के परिवार के सदस्यों का आपने सम्मान किया था। मुझे चौधरी सूरजमल की भी याद आ रही है, श्रद्धांजलि देता हूं।
जयंत चौधरी ने कहा कि तीन क्षेत्र ऐसे हैं, जहां के लोग मुझे जानते हैं। एक तो मथुरा, दूसरा बागपत, जहां से चौधरी चरण सिंह और चौधरी अजीत जीतते थे, तीसरा, कैराना। आप इशारे से ही समझ जाएं। सामाजिक जीवन में रणनीति होनी चाहिए। विपक्षी पार्टी हमें ही मात देना चाहते थे। कभी-कभी कड़वे फैसले लेने पड़ते हैं। लोकदल के लोगों से बात करते आया हूं। लोकदल के कार्यकर्ताओं के मान सम्मान में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।
जयंत ने कहा कि भारत सरकार गंभीर है, जो सरकार चौधरी साहब को भारत रत्न दे सकती है, वह किसानों के लिए कोई कमी नहीं छोड़ेंगी। कहा कि भाजपा-लोकदल आज 1 और 1, 11 हैं। अखिलेश 6 और 7 का गणित सिखा रहे थे। वे (विपक्षी) बेगम देना चाह रहे थे, बादशाह लेना चाह रहे थे। उनका इशारा कैराना और मुजफ्फरनगर सीट की तरफ था।
ढाल बनकर खड़े रहेंगे लोकदल कार्यकर्ता
जयंत ने कहा बागपत में नुकसान नहीं करना चाहते, बीजेपी के कार्यकर्ता को अब लाठी खाने की जरूरत नहीं, हम उनके साथ खड़े हैं। मैं तो उनकी मदद करता, विपक्षियों ने हमारी सीट ही काट दी। जो पगड़ी आपने पहनाई है वह आपके मान सम्मान की है, मान सम्मान को कभी ठेस नहीं पहुंचने दूंगा।