कमजोर पड़ी चुकी है कोरोना की दूसरी लहर
शामली जागरण टीम। अप्रैल और मई माह में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया। मई में स
शामली, जागरण टीम।
अप्रैल और मई माह में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया। मई में संक्रमण कम होना शुरू हुआ था और जून में तो दूसरी लहर पूरी तरह कमजोर पड़ चुकी है। हालांकि संक्रमण के मामले लगातार आ रहे हैं। ऐसे में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से एहतियात बरतने की अपील की जा रही है।
मार्च में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई थी। अप्रैल में तेजी आई थी और 26 अप्रैल को एक दिन में सबसे अधिक केस आए थे। मई माह में अब तक के सबसे अधिक केस मिले थे। कोविड अस्पताल में मरीजों की संख्या सौ से अधिक तक रही। साथ ही ग्लोबल शांति केयर, गंगामृत और दिव्या पैरामेडिकल अस्पताल में भी मरीज भर्ती रहे थे। हालांकि मई के दूसरे सप्ताह से संक्रमण दर कम होने लगी थी। वर्तमान में तीन ही मरीज कोविड लेवल-2 अस्पताल में भर्ती हैं।
जून में कोरोना कर्फ्यू में काफी राहत दी गई। अब सिर्फ शनिवार और रविवार को ही बंदी होती है। बाजार रात नौ बजे तक खुलते हैं और ऐसे में लापरवाही भी बढ़ रही है। कोरोना का प्रकोप कम होने के चलते अब काफी लोग मास्क लगाना भी जरूरी नहीं समझ रहे हैं। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बताया कि जांच प्रतिदिन ढाई से तीन हजार लोगों की हो रही है। कोरोना से बचाव के लिए बच्चों को दवा की किट भी बांटी जा रही है। लक्षणयुक्त बच्चों को उम्र के हिसाब से किट दी जाएगी।
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मई और जून की स्थिति
- 80219 लोगों की मई माह में जांच हुई।
-5385 संक्रमित मई माह में मिले।
-76477 लोगों की जांच जून में हुई।
-267 संक्रमित मिले हैं।
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टीकाकरण में आई तेजी
जिले में टीकाकरण में भी तेजी आई है। मई और जून माह में बूथ की संख्या भी बढ़ी। जून में 18 वर्ष से अधिक आयु वालों का टीकाकरण भी शुरू हुआ। वहीं, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. राजकुमार सागर ने बताया कि लोगों में जागरूकता बढ़ी है। अब तक दो लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।
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पीकू वार्ड तैयार किया
स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयारी कर रहा है। कोविड लेवल-2 अस्पताल में 21 बेड का पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) वार्ड किया है। दस वेंटिलेटर भी लगाए गए हैं। सीएमएस डा. सफल कुमार ने बताया कि कोविड लेवल-2 अस्पताल में आक्सीजन की सेंट्रल आपूर्ति के 30 बेड बढ़ाए हैं। अब 105 बेड सेंट्रल आपूर्ति वाले हो गए हैं। साथ ही जिला अस्पताल में दो आक्सीजन प्लांट भी लग चुके हैं।