चार सीएचसी में दस-दस बेड के बच्चा वार्ड तैयार
कोरोना की तीसरी लहर आई तो बच्चों को सबसे अधिक प्रभावित कर सकती है। ऐसे में बच्चों के लिए तैयारियां अधिक हो रही हैं। चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में दस-दस बेड के बच्चा वार्ड तैयार किए हैं जिनमें आक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए गए हैं।
शामली, जेएनएन। कोरोना की तीसरी लहर आई तो बच्चों को सबसे अधिक प्रभावित कर सकती है। ऐसे में बच्चों के लिए तैयारियां अधिक हो रही हैं। चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में दस-दस बेड के बच्चा वार्ड तैयार किए हैं, जिनमें आक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए गए हैं।
तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए जिला संयुक्त अस्पताल में पीकू वार्ड भी बनाया गया है। सीएचसी कैराना, कांधला, झिझाना, थानाभवन में बच्चा वार्ड बनाया गया है। सीएचसी डा. संजय अग्रवाल ने बताया कि 45 चिकित्सक एवं 45 स्टाफ नर्स को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। सभी को बताया गया है कि बच्चों के उपचार में किन-किन बातों का ध्यान रखना है। जांच का विशेष अभियान भी चलाया
16 से 25 जुलाई तक कोरोना जांच का विशेष अभियान चलाया गया। शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों एवं स्टाफ, व्यापारियों, बसों के चालक-परिचालक और ई-रिक्शा चालकों के लिए सैंपल भी लिए गए। लेकिन मुख्य फोकस रहा पांच से 18 वर्ष आयु वालों पर। गांव-गांव जाकर जांच की गई। यह अभियान तीसरी लहर के मद्देनजर ही चलाया गया था। हालांकि किसी बच्चे में संक्रमण नहीं मिला। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. सुशील कुमार ने बताया कि औसतन प्रतिदिन ढाई हजार लोगों की जांच हुई और 60 फीसद सैंपल अभियान के तहत लिए गए। इन्होंने कहा
जिले में सीएमओ समेत 58 चिकित्सक तैनात हैं। इनमें दस एसीएमओ हैं और 47 चिकित्सक ऐसे हैं, जो सीएचसी-पीएचसी पर तैनात हैं। जिले की आबादी करीब 15 लाख है। चिकित्सकों व स्टाफ की कमी के लिए शासन को अवगत कराया जाता है। पिछले माह आए सचिव स्वास्थ्य रविद्र कुमार के समक्ष भी यह मुद्दा रखा गया था।
डा. संजय अग्रवाल-सीएमओ