कुत्तों के आतंक से दहशत में शहर
शहर में आवारा कुत्तों का आतंक है। मुख्य सड़कें हो या फिर गली-मोहल्ले हर जगह कुत्तों का झुंड देखा जा सकता है। लोग बच्चों को अकेले घर से बाहर भेजने से डर रहे हैं क्योंकि कई को कुत्ते शिकार बना चुके हैं।
शामली, जेएनएन। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक है। मुख्य सड़कें हो या फिर गली-मोहल्ले हर जगह कुत्तों का झुंड देखा जा सकता है। लोग बच्चों को अकेले घर से बाहर भेजने से डर रहे हैं, क्योंकि कई को कुत्ते शिकार बना चुके हैं।
कुत्तों की समस्या पहले भी थी, लेकिन कुछ दिन से आतंक बहुत बढ़ गया है और इनकी संख्या भी। शहर में चर्चा है कि किसी दूसरी जगह से दो ट्रक में कुत्ते भरकर कोई छोड़ गया है। ऐसा लग भी रहा है, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में पहले कभी कुत्ते नहीं देखे गए। लोगों के मुताबिक कुत्ते एक-दूसरे पर भी हमला कर देते हैं। रात में इनके भौंकने की आवाज से लोगों की नींद भी खराब हो रही है। इन्हें पकड़ने के लिए वर्तमान में नगर पालिका की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में कुत्ते बेखौफ हैं और शहर के लोग खौफजदा। नगर पालिका के पास न तो कुत्तों को पकड़ने का कोई साधन है और न ही इनका बांध्यकरण करने की कोई व्यवस्था। दिक्कत ये भी है कि पालिका कुत्तों को पकड़वा देगी तो रखेगी कहां, क्योंकि पालिका के पास तो गोवंश रखने के लिए ही व्यवस्था नहीं है।
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इन इलाकों में ज्यादा आतंक
सीबी गुप्ता कॉलोनी, मोहल्ला गुजरातियान, दयानंदनगर, अस्पताल रोड, मिल रोड, तालाब रोड, धर्मपुरा मोहल्ला, नंदू प्रसाद मोहल्ला, आर्यपुरी, कमला कॉलोनी, जैन मोहल्ला, विवेक विहार, सलेख विहार, गुलशन नगर
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सीएचसी में बढ़े मामले
करीब 15 दिन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में कुत्ते काटने के मामले बढ़ गए हैं। औसतन 25 से 30 लोग एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं, जबकि इससे पहले 15 से 17 मामले आते थे। सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चंद्रा का कहना है कि एंटी रेबीज वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता है।
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ध्यान रखें
- कुत्ता काटने पर जख्म को पहले चलते हुए पानी में अच्छी तरह से धो लें।
-साबुन से जख्म को रगड़ कर साफ पानी में धोएं।
- जख्म पर पट्टी न करे, उसे खुला रखे
-पट्टी करने पर रेबीज के विषाणु अंदर ही अंदर फैलने का खतरा बन जाता है।
-अस्पताल में एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाएं।
--- नहीं होती कोई सुनवाई
सभासद निशी रानी ने बताया कि धर्मपुरा मोहल्ले में कुत्ते कई बच्चों को काट चुके हैं। नगर पालिका से कई बार शिकायत कर चुके हैं, पर कुत्तों के आतंक पर लगाम लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए, जबकि यह पालिका की जिम्मेदारी है।
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इन्होंने कहा..
ऐसी तो कोई बात सामने नहीं आई कि कोई शहर में कुत्ते छोड़ गया है। कोई शिकायत भी नहीं मिली है। बंदरों को तो पिछले दिनों पकड़वाया गया था। अगर कुत्तों की समस्या होगी तो इसका भी कोई न कोई समाधान कराया जाएगा।
-सुरेंद्र यादव, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका शामली