जाम की समस्या हल हो, मल्टीलेवल पार्किंग बने
केंद्र सरकार के बजट में तो शहर के लिहाज से कुछ नहीं मिल सका लेकिन अब प्रदेश सरकार के बजट से काफी उम्मीद हैं। एक तो शहर में सबसे बड़ी समस्या जाम की है। साथ ही कोई पार्किंग नहीं है। न ही कोई बड़ा पार्क है। गंदगी से अटे नालों से बरसात में जलभराव की समस्या है। रोडवेज बसों की भी काफी कमी है जिससे यात्रियों को परेशानी होती है।
शामली, जेएनएन। केंद्र सरकार के बजट में तो शहर के लिहाज से कुछ नहीं मिल सका, लेकिन अब प्रदेश सरकार के बजट से काफी उम्मीद हैं। एक तो शहर में सबसे बड़ी समस्या जाम की है। साथ ही कोई पार्किंग नहीं है। न ही कोई बड़ा पार्क है। गंदगी से अटे नालों से बरसात में जलभराव की समस्या है। रोडवेज बसों की भी काफी कमी है, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है।
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शहर में गन्ने के सीजन में लगने वाला जाम प्रमुख समस्या है। स्थानीय स्तर पर इसका कोई समाधान नहीं निकल सका है। बजट में शहर के जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रबंध होना चाहिए। साथ ही रोडवेज बसों की कमी को भी दूर किए जाने की जरूरत है।
-पंकज गुप्ता, तालाब रोड शहर में एक भी पार्किंग नहीं है। हमेशा पार्किंग के लिए जगह न होने की बात कही जाती है। लेकिन मल्टीलेवल पार्किंग अच्छा विकल्प हो सकता है। उम्मीद है कि बजट में मल्टीलेवल पार्किंग का तोहफा मिलेगा। शहर के लिए एक बड़ा पार्क भी होना चाहिए।
-नितिन गोयल, गुजरातियान शहर में सीवर लाइन नहीं है। इसके लिए बजट में प्रावधान होना चाहिए। शहर के तमाम नाले गंदगी से अटे रहते हैं, जिससे बरसात में शहरवासियों को जलभराव की समस्या से परेशान होना पड़ता है। ऐसे में बजट उक्त समस्याओं के निराकरण को प्रावधान होने चाहिए।
-दुर्गेश नामदेव, बड़ा बाजार
कूड़ा निस्तारण प्लांट जल्द बनना चाहिए। शहर में कोई अच्छा पार्क नहीं है। एक-दो हैं, लेकिन छोटे हैं। एक बड़ा पार्क जरूर बनना चाहिए। साथ ही तमाम सुविधाओं से युक्त खेल स्टेडियम की जरूरत भी है। उम्मीद है कि बजट में शहर के लिए कुछ न कुछ जरूर मिलेगा।
-सोनू मित्तल, मंडी मार्शगंज।