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प्रदूषण का बढ़ा प्रकोप , उखड़ रही सांसें, आंखों में हो रही जलन

वातावरण में छाए प्रदूषण का प्रकोप कम होने के बजाय बढ़ गया है। रविवार को सुबह के वक्त घने कोहरे जैसी स्थिति रही। ऐसे में लोग परेशान हैं। अस्थमा व टीबी रोगियों की सांस उखड़ रही है तो अन्य लोगों की आंखों में जलन हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 10:14 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 10:14 PM (IST)
प्रदूषण का बढ़ा प्रकोप , उखड़ रही सांसें, आंखों में हो रही जलन
प्रदूषण का बढ़ा प्रकोप , उखड़ रही सांसें, आंखों में हो रही जलन

शामली, जेएनएन। वातावरण में छाए प्रदूषण का प्रकोप कम होने के बजाय बढ़ गया है। रविवार को सुबह के वक्त घने कोहरे जैसी स्थिति रही। ऐसे में लोग परेशान हैं। अस्थमा व टीबी रोगियों की सांस उखड़ रही है तो अन्य लोगों की आंखों में जलन हो रही है। स्मॉग के प्रकोप से राहत मिलने के कोई आसार अभी नजर नहीं आ रहे हैं और लोग इंद्रदेव से राहत की बारिश करने की प्रार्थना कर रहे हैं। रविवार को शामली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 184 रहा।

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दीपावली पर जमकर आतिशबाजी की गई। साथ ही हरियाणा और पंजाब आदि में पराली जलाई जा रही है। शामली में भी ऐसा हो रहा है। यहां पराली जलाने पर 20 किसानों पर जुर्माने की कार्रवाई की गई है। इन सब कारणों के चलते दीपावली के अगले दिन से पूरे वातावरण में स्मॉग छाया है। उम्मीद थी कि एक-दो दिन में राहत मिल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके उलट हालात और गंभीर हो रहे हैं। ठंड अभी ज्यादा नहीं है और सुबह के वक्त तो स्मॉग के चलते दृश्यता भी कम हो रही है। ऐसे में चालकों को वाहनों की हेडलाइट जलानी पड़ रही है। रविवार सुबह 100-150 मीटर से अधिक ²श्यता नहीं थी। मौसम में नमी काफी है और हवा न के बराबर है। ऐसे में स्मॉग से राहत नहीं मिल पा रही है।

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बढ़ रहे हैं सांस के मरीज

सीएचसी शामली के चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि जिन्हें पहले से सांस की बीमारी है, उनकी दिक्कत प्रदूषण के चलते बढ़ी है। ऐसे काफी मरीज पहुंच रहे हैं। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रविद्र तोमर ने बताया कि सांस के साथ हृदय रोगियों को भी सावधानी बरतने की जरूरत है। फेफड़ों में प्रदूषित हवा जाती है तो हृदय भी प्रभावित होता है।

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ऐसे करें बचाव

-घर से बाहर निकलें तो मास्क का प्रयोग करें या कपड़े से चेहरे को ढककर रखें।

-टहलने, जॉगिग के लिए बाहर न जाएं और घर के भीतर ही व्यायाम करें।

-अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें।

-आंखों के बचाव के लिए चश्मे का इस्तेमाल करें।

-बाहर से घर आने पर साफ पानी से चेहरे और आंखों को धोएं।

-घर के आसपास पानी का छिड़काव करते रहें।

-सांस, टीबी के मरीज घर से बाहर निकलने में परहेज करें।

-इसी तरह छोटे बच्चों को भी विशेष ख्याल रखें।

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ये कतई न करें

-कूड़े में आग न लगाएं।

-निर्माण सामग्री रेत, सीमेंट आदि को खुले में न छोड़ें।

-धूमपान भी न करें।

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स्कूलों में छुट्टी नहीं, पर उठ रही मांग

दिल्ली, नोएडा आदि के बाद अब मेरठ में भी प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप के चलते स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। अभी तक शामली प्रशासन ने कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन अभिभावक बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अवकाश की मांग करने लगे हैं। दयानंदनगर निवासी शिखा कौशिक का कहना है कि प्रदूषण का सबसे अधिक प्रभाव सुबह के वक्त होता है। दो दिन से तो घने कोहरे जैसी स्थिति है। ऐसे में बच्चे बीमार पड़ सकते हैं। प्रशासन और शिक्षा विभाग को अन्य जिलों की तर्ज पर स्थिति सामान्य होने तक अवकाश घोषित करने चाहिएं। दीपाली शर्मा का कहना है कि शासन स्तर पर अवकाश का निर्णय होना चाहिए। प्रदूषण में एक ओर बच्चों को बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है, दूसरी ओर उन्हें स्कूल जाना पड़ रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक सुधीर कुमार का कहना है कि अभी तक कोई आदेश इस संबंध में नहीं मिला है।


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