स्माग की चादर से बढ़ी आंखों की जलन
स्माग का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। रोजाना रात्रि में स्माग की चादर फैल जाती है। इससे आंखों में जलन के साथ ही सांस में घुटन की दिक्कतें सामने आने लगी है। वहीं अब सुबह में भी हल्का स्माग रहता है। हालांकि जिला प्रशासन प्रदूषण रोकने के लिए निरंतर कार्रवाई कर रहा है।
शामली, जेएनएन। स्माग का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। रोजाना रात्रि में स्माग की चादर फैल जाती है। इससे आंखों में जलन के साथ ही सांस में घुटन की दिक्कतें सामने आने लगी है। वहीं अब सुबह में भी हल्का स्माग रहता है। हालांकि जिला प्रशासन प्रदूषण रोकने के लिए निरंतर कार्रवाई कर रहा है।
रविवार रात्रि में भी स्माग आसमान में छाया रहा, जिससे आंखों में जलन व सांस लेने में भी दिक्कत महसूस की जा रही है। सांस के मरीजों को इससे काफी तकलीफ हुई। हर साल हम स्माग की स्थिति पर बड़े बड़े दावे किए जाते हैं कि तमाम तरीकों से वायु प्रदूषण को मात देने का काम किया जाएगा। मगर हर बार जहरीली हवा इन दिनों में दम घोंटू बनने लगती है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदूषण के स्तर को दर्ज करने में जुटा है। प्रदूषण से निजात पाने के लिए जिला प्रशासन अबतक करीब एक दर्जन किसानों पर जुर्माना लगा चुका है, लेकिन बावजूद इसके कूड़ा करकट व पराली पत्ती जलाने की घटनाएं सामने आ ही रही हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक डीसी पांडेय ने बताया कि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारी इसमें निरंतर निगरानी रखे हुए हैं। प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई निरंतर चल रही है।