धुंध से राहत नहीं, दृश्यता भी रही कम
प्रदूषण की धुंध पूरे वातावरण में छाई हुई है। दीपावली के बाद से अब तक यही स्थिति है। फिलहाल राहत की कोई उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है।
शामली, जेएनएन। प्रदूषण की धुंध पूरे वातावरण में छाई हुई है। दीपावली के बाद से अब तक यही स्थिति है। फिलहाल राहत की कोई उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है। आंखों में जलन से लोग परेशान हैं। सांस के रोगियों को भी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही शनिवार सुबह के वक्त दृश्यता भी कम रही और चालकों को वाहनों की हेडलाइट जलानी पड़ी।
वातावरण से धुंध हटने का नाम नहीं ले रही है। पिछले पांच दिन से सूर्यदेव के ठीक से दर्शन भी नहीं हो सके हैं। सुबह के वक्त कोहरे जैसा लगता है और दिनभर में आसमान में बादल छाए से नजर आते हैं। इस वक्त हवा बेहद कम है और नमी काफी अधिक, ऐसे में प्रदूषित धुआं ऊपर की तरफ नहीं जा पा रहा है। इसके चलते सांस रोगियों की तकलीफ बढ़ गई है। अन्य लोगों को भी आंखों में जलन हो रही है। ऐसे में अनेक लोग चेहरे को कपड़े, मास्क आदि से ढककर बाहर निकल रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को रही है। प्रदूषण का सबसे अधिक असर सुबह और शाम के वक्त होता है, लेकिन अभी तक न तो स्कूलों में अवकाश घोषित हुए हैं और न ही वक्त बदला गया है। सीएचसी शामली के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दीपक कुमार का कहना है कि बाहर जाते वक्त आंखों पर चश्मा लगाना न भूलें और चेहरे को मास्क और हाथों को किसी कपड़े से ढककर रखें। अधिक से अधिक पानी पीएं। वहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुजफ्फरनगर के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. डीसी पांडेय ने बताया कि शामली नगर में एयर क्लालिटी इंडेक्स 200 से कम ही है। अपर जिलाधिकारी अरविद कुमार ने बताया कि पराली जलाने वाले 20 किसानों पर जुर्माना लगाया जा चुका है। नगर निकायों को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई कूड़ा जलाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।